डीए डीआर आदेश का मामला नई सरकार के जिम्मे जाना तय- वीरेन्द्र नामदेव
पेंशनरों के मामले में धारा 49 का बंधन बाधा बनेगा
छत्तीसगढ़। निर्वाचन आयोग से अनुमति लेने का नाटक कर उसे आधार बना कर 22 नवम्बर 23 को अपना आदेश जारी करने बाद ब्यूरोक्रेट लाबी और केयरटेकर मुख्यमंत्री आज तक कर्मचारियों और पेंशनरों के मामले में एकदम चुप है। कोई कुछ बताने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में लास्ट वर्किंग डे के बाद अब यह बात तय हो गया कि अब कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए डीआर देने संबंधी आदेश जारी होने का मामला नई सरकार के पाले में चला गया। उक्त जानकारी जारी विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र नामदेव ने दी है।
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि कोई कहता है मुख्यमंत्री के अनुमोदन हेतु फाइल पेंडिंग में है कोई कहता है मुख्यमंत्री का अनुमोदन हो गया है परंतु लगातार अवकाश पड़ने के कारण आदेश करने में विलम्ब हो रहा है। सच क्या है इस पर सरकार की ओर से कोई कुछ नहीं बोल रहा है।
इंतजार में पूरा समय बीत जाने के बाद अब यह चर्चा आम हो रहा है कि मतगणना के बाद नई सरकार आने के बाद ही यह निर्णय लिया जा सकेगा कि एरियर का क्या करना है। उसके बाद ही मध्य दिसंबर 23 तक डीए डीआर के आदेश हो जाय तो बड़ी बात है। ऐसा भी लगता यह मामला अब 2025 तक भी पहुंच सकता है।
कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए डीआर का मामला यदि आने वाली सरकार जिम्मे गया तो ब्यूरोक्रेट के सलाह पर मितव्ययता के बहाने पता नहीं कितने महीने के एरियर हजम करने के बाद आदेश जारी होंगे। और पेंशनरों के मामले में धारा49 के कारण यदि मध्यप्रदेश से अनुमति लेने की जरूरत होगी तो मामला पहले की तरह लम्बा अटक सकता है।
वीरेन्द्र नामदेव
9826111421
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