सत्ता परिवर्तन के बाद खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के विस्तारीकरण की आस बढ़ी
बढ़ी उम्मीद: बदलेगी नए जिले की तस्वीर, आरटीओ के साथ रोजगार पंजीयन और जिपं के दफ्तर खुलेंगे
खैरागढ़. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद नए जिले की तस्वीर बदलने की उम्मीद बढ़ गई है। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले का निर्माण हालांकि साल भर पहले कांग्रेस सरकार ने अपने वादे को पूरा करते किया था। जिला गठन के 15 माह बाद भी जिले में पर्याप्त व्यवस्था नहीं बन पाई। जिला कार्यालय की शुरू आत होने के बाद भी यहां जनता से जुड़े प्रमुख विभागों की शुरुआत मांग के बाद भी नहीं होने से जिले के लोगों को राजनांदगांव का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
शहर के अधूरे कार्य पूरे कराए जाएंगे
कलेक्ट्रेट में राजस्व, शिक्षा, कृषि, ग्रामीण विकास, आधार सेवा, सहकारी संस्थाए, उद्यानिकी, खादय विभाग के जिला स्तरीय दफतरों का संचालन तो शुरू हो गया। लेकिन रोजगार पंजीयन, आरटीओ जैसे विभागों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। हर साल बड़ी संख्या में युवा सहित स्कूली पास करने वाले छात्र पंजीयन के लिए राजनांदगांव के चक्कर लगाते हैं। युवाओं को इससे बड़ी आस थी कि इसका संचालन स्थानीय स्तर पर शुरू हो जाए। लेकिन व्यवस्था नहीं बन पाई।
अधिकांश विभागों में नोडल संभाल रहे काम
जिला निर्माण के बाद संचालित होने वाले आधा दर्जन से अधिक विभागों में भी पूर्णकालिक अधिकारियों की नियुक्ति और जवाबदारी शुरू नहीं हो पाई है। इसके चलते विभागों नोडल अधिकारी बनाकर इसका संचालन किया जा रहा है। ऐसे में कई विभागों को नए जिले के कामों के लिए भी राजनांदगांव स्तर पर आदेश और निर्देश लेने पड़ रहे है। इसमे कृषि ,खादय, उद्यानिकी, सहकारी संस्थाएं, प्रधानमंत्री सड़क, मुख्यमंत्री सड़क, सेतु निगम जिला पंचायत जैसे कार्यालय शामिल हैं। इन विभागों में पूर्णकालिक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने के चलते नोडल अधिकारी नियुक्त कर सभी कार्य राजनांदगांव जाकर ही पूरा कराना पड़ रहा है।
भाजपा उठाती रही मांग, अब होगा कायाकल्प
जिला निर्माण के बाद सभी विभागों का संचालन शुरू नहीं करने, अधिकारियों की पूर्णकालिक नियुक्ति नहीं होने, अधिकांश और प्रमुख कार्यों के लिए राजनांदगांव का चक्कर लगाने में हो रही परेशानी को लेकर विपक्ष में रही भाजपा लगातार इसकी स्थानीय व्यवस्था की मांग उठाती रही है। अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ भाजपा की सरकार बनने के बाद जिला निर्माण की पूरी व्यवस्था बनाए जाने की तैयारी पूरी होने की उम्मीद है।
सत्ता से जुड़े लोगों को भी जिला कार्यालय में सभी व्यवस्था नहीं होने के चलते परेशानियाँ उठानी पड़ी है। सरकार गठन के बाद इसमे तेजी आने, अधिकारियों कर्मचारियों की पूर्णकालिक व्यवस्था बनने की उम्मीद बढ़ गई है।
स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा
जिला निर्माण के बाद जिले की सबसे बड़ी जरूरत स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की है। जिला चिकित्सालय सहित खैरागढ़, छुईखदान, गंडई साल्हेवारा में 50 बिस्तर अस्पताल की घोषणा अधर में अटकी है। जिले की बड़ी आबादी आज भी बड़े शहरों में इलाज के लिए मजबूर है। जबकि स्थानीय स्तर पर उन्हे सामान्य इलाज ही मिल पाता है। ऐसे में जिला चिकित्सालय के साथ चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था, बेहतर इलाज की सुविधा की उम्मीद और व्यवस्था नए जिले की नितांत आवश्यकता है। इस पर नई सरकार की पहल जरूरी होगी।
सीएनआई न्यूज खैरागढ़ से सोमेश कुमार की रिपोर्ट


















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