श्राद्ध (बरसी)
देव ऋण,पितृ ऋण,ऋषि ऋण से मुक्त होने के लिए किया जाता है, श्राद्ध बरसी।
रायपुर -सनातन धर्मावलंबी द्वारा वेद-पुराण में अंकित निर्देशों के अनुसार पितृ ऋण से मुक्ति हेतु श्राद्ध बरसी की जाती है।
श्रीमती गणेशी बाई जोशी का देवलोक गमन पिछले वर्ष १९ मार्च को हो गया था,
उनके परिवार में उनके पुत्र नरेश जोशी-निर्मला जोशी,पुरुषोत्तम जोशी-नगीना जोशी ,दिनेश जोशी-संगीता जोशी एवं पुत्रियां प्रेम लता -नंदकिशोर शर्मा नर्मदा-राजेन्द्र शर्मा, सुमनलता -नारायण उपाध्याय ,सुनीता-प्रकाश जोशी सहित पौत्र, घनश्याम, हितेश,हिमांशु, संकेत ,देवेश,नेमी,शिवांश,प्रियांशी, अजय,ऋषभ,चिंन्टू,नमन,हर्षित, लखन,आदर्श, विनायक नन्हू सहित भरापूरा परिवार है।
21 मार्च को परिवार जनों ने
वार्षिक श्राद्ध (बरसी) का पूजन विद्वान पंडित गिरीराज जी, दुर्ग वाले ने विधि-विधान से पूजा कर संपन्न कराया ।
परिवार जनों ने पूजा के पश्चात आठ महिलाओं को यथोचित सम्मान कर भोजन प्रसादी ग्रहण करवा कर आशीर्वाद लिया ।
माता जी के निमित्त भोजन प्रसादी में समाज के सभी वरिष्ठ जन ,परिचित जन , और सभी रिश्ते दार सम्मिलित हुए।
बरसी का कार्यक्रम सोनी भवन झाबक बाडा़,कमासी पारा में संपन्न हुआ ।
पुरुषोत्तम जोशी -सी एन आइ न्यूज़, रायपुर ।
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