होली पूर्व होली की पौराणिक कथाओं के बारे में बच्चों को बताया
खैरागढ़ छुईखदान गंड़ई। शासकीय प्राथमिक शाला पुरेना संकुल केंद्र घिरघोली ,विकास खंड छुई खदान में होली पूर्व होली की पौराणिक कथाओं को बच्चों को प्रधान पाठक श्री तुलेश्वर कुमार सेन ने बताया कि हम सभी लोग होली क्यों मनाते हैं इसके पूर्व की घटना क्रम क्या क्या हुआ था। होली अलग अलग स्थानों पर अलग अलग तरीके से मनाया जाता है।होली की पूर्व संध्या को ग्राम के प्रमुख स्थान पर होलिका दहन किया जाता है ।होलिका दहन में अपनी बुराइयों को जलाकर अच्छाइयों को ग्रहण करना चाहिए।परंतु कुछ गांव में होलिका दहन के समय गंदी गंदी गालियां दी जाती है जो पूरी तरह से गलत होता है।इसके पूर्व की पौराणिक कथा हिरणाक्ष , हिरण्यकश्यप, होलिका और भक्त प्रह्लाद से जुड़ा हुआ आस्था और विश्वास को बताया ।फागुन माह की पूर्णिमा को रंगों का पर्व होली मनाया जाता है। लठ मार होली बरसाने में खेली जाती है।मथुरा में फूलों की होली खेली जाती है।होली पर्व राधा कृष्ण के जीवन से भी जुड़ा हुआ है।अमीर गरीब ,छोटे बड़े के भेद को भूलकर मनाया जाता।दोस्त और दुश्मन एक साथ होली मनाते हैं।कुछ लोग होली में बहुत नशा पान करते हैं बीड़ी, सिगरेट, गांजा, शराब, भांग का सेवन करते हैं।सभी लोग अपने घरों में गुजिया, खुरमी, ठेठरी व्यंजन बनाते हैं।भाई चारे और सौहाद्र से होली मानना चाहिए।आज के कार्यक्रम में प्रधान पाठक श्री तुलेश्वर कुमार सेन,सहायक शिक्षक गोकुल राम वर्मा, अतिथि शिक्षक कुमारी ओगेश्वरी धुर्वे सहित छात्र छात्राएं शामिल हुए
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