मोहला :-
रैली निकालकर सौपे ज्ञापन।
धान में सूखत नहीं तो
धान खरीदी नहीं ।
जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ जिला मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी द्वारा जिला मुख्यालय में आज रैली निकालकर 3 सूत्री मांग की पूर्ति हेतु प्रदेश के मुखिया माननीय विष्णु देव साय, माननीय सहकारिता मंत्री , माननीय माननी खाद्य मंत्री के नाम से जिले के कलेक्टर एस जयवर्धन को ज्ञापन सौपकर लंबित मांगों को अविलंब पूरा करने की मांग किया गया। मांग पूर्ति नहीं होने पर प्रदेश के 2058 समितियों में कार्यरत 13,000 कर्मचारी 4 नवंबर 2024 से रायपुर में अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
तीन सूत्रीय मांगों में प्रमुख रुप से__ 1 मध्य प्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ शासन भी 2058 समितियों को 3 लाख रुपए प्रतिवर्ष प्रबंधकीय अनुदान प्रदान करें।
2 सेवा नियम 2018 में आवश्यक सुधार कर, वेतन वृद्धि करें।
3 वर्ष 2023.24 में धान का उठाव देरी से करने के कारण जो सुखत धान में आया है, उसकी भरपाई शासन करें एवं विपणन वर्ष 2024.25 में धान खरीदी में सुखत लागू करें।
मोहला मानपुर अं चौकी जिले में केवल 11 राइस मिल होने के कारण धान का उठाव अप्रैल , मई में होता है, इस कारण जिले में प्रति वर्ष समिति कर्मचारियों को सुखत का सामना करना पड़ता है। जिले की कई ऐसे उपार्जन केंद्र है जैसे भोजटोला, विचारपुर , सीतागांव, औंधी, मानपुर जहां कभी भी समय पर डी ओ नहीं कटता । जिला विपणन अधिकारी एवं एवं जिला खाद्य अधिकारी द्वारा यही कहा जाता है कि आपके आस पास राइस मिल नहीं होने के कारण डी ओ जारी नहीं होता। और उठाव नहीं हो पा रहा है। क्या राइस मिल नहीं होने का दोषी समिति है?
डी ओ एवं टी ओ जारी करने में भी भेदभाव किया जाता है ,समान अनुपात में न डी ओ जारी करते हैं और न ही समय पर उठाव करते हैं। कहीं 10 से 20 प्रतिशत भी उठाव नहीं होता तो वही कुछ जगह 50 से 60 प्रतिशत उठाव हो जाता है। यही कारण है कि कुछ समिति को सुखत का सामना करना पड़ता है।
जिला संघ द्वारा अपने पत्र क्रमांक 17/2024 , दिनांक 9.09.2024 को प्रदेश की मुखिया, सहकारिता सचिव, खाद्य सचिव से वर्ष 2024.25 में धान खरीदी नीति में संसोधन कर सुखत मान्य करने की मांग किया गया था , लेकिन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिनांक 18 .10.2024 को जारी धान खरीदी नीति में सुखत का प्रावधान नहीं किया गया है एवं पिछले वर्ष धान खरीदी नीति में बफर लिमिट से ज्यादा खरीदी होने पर 72 घंटे के अंदर धान उठाव की नियम को ही समाप्त कर दिया गया है , इस कारण धान का उठाव समय पर नहीं हो पाएगा जिसे समिति को नुकसान होगा । इसी तरह विगत कई वर्षों से धान खरीदी नीति में उल्लेखित अंतिम उठाव 28 फरवरी तक अनिवार्य रुप करने की नियम को बदलकर इस वर्ष 31 मार्च 2025 तक किया गया है, इससे साफ है कि शासन धान का उठाव समय में करना ही नहीं चाहता । 28 फरवरी तक संपूर्ण धान की उठाव के नियम के बाद भी धान कभी भी अप्रैल मई के पहले उठाव नहीं होता तो इस वर्ष भगवान ही मालिक है। प्रदेश की भाजपा सरकार एवं विगत कांग्रेस सरकार द्वारा हमेशा यही कहा गया है कि धान में सुखत नहीं आता , जबकि सरकार द्वारा संग्रहण केन्द्र को सुखत प्रदान किया जाता है। धान या किसी भी अनाज का सुखना एक प्राकृतिक गुण है। अनाज को सुखने से बचाने का किसी के पास कोई उपाय नहीं है। कई माह खुले आसमान के नीचे पड़ा होने के कारण तेज धूप के चलते धान में सुखत आता है। इस सुखत की भरपाई के लिए समिति कर्मचारी को एफ आई आर की धमकी देकर भरवाया जाता है । जिसके कारण प्रदेश के कर्मचारी भाई डिप्रेशन में आकर स्वर्ग सिधार गए हैं ,कई लोग सुखत के कारण आत्म हत्या करने को मजबूर हुए हैं। सुखत की भरपाई समिति कर्मचारी द्वारा अपने जमीन जायदाद को बेचकर करना पड़ता है नहीं करने पर जेल भी जाना पड़ रहा है, यह सिलसिला आखिर कब तक चलेगा ?? जिला संघ द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष समिति कर्मचारियों द्वारा धान खरीदी नहीं किया जाएगा, साथ ही किसानों की व्यापक हित को देखते हुए शासन प्रशासन से अपील किया जाता है कि वह किसी अन्य एजेंसी से धान खरीदी कराए , ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े और 21 क्विंटल धान की खरीदी करें।
जिलाध्यक्ष भाईलाल देवांगन ने बताया कि हमारे निवेदन, विनय को सरकार ने ठुकरा दिया है।अब हमारे पास धान खरीदी से बाहर होने के सिवा और कोई उपाय नहीं है। इसलिए इस वर्ष जिले के 27 उपार्जन केंद्र में समिति कर्मचारी द्वारा धान खरीदी नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसान हमारे समिति के सम्मानित सदस्य है और हम नहीं चाहते कि हमारे कारण उनको कोई तकलीफ पहुंचे , इसलिए हम चाहते हैं कि सरकार अन्य एजेंसी के माध्यम से धान खरीदी करायें हम पूरा सहयोग करेंगे। हमारे समितियों में जो भी भौतिक संसाधन है , उसको हम उपलब्ध कराकर उसमें सहयोग प्रदान करेंगे ,किसी प्रकार की अवरोध उत्पन्न हम नहीं करेंगे। ज्ञात हो की जिले की 27 उपार्जन केन्द्रों द्वारा पिछले वर्ष 21.72 लाख कुंतल धान खरीदी किया गया था। लेकिन देर से परिवहन के चलते 19 केंद्र में सुखद का सामना करना पड़ा है । इस सुखद की भरपाई के लिए समिति द्वारा कोर्ट में वाद दायर किया गया है , जो अभी कोर्ट में लंबित है।
आज की ज्ञापन रैली में सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए, इसमें प्रमुख रूप सिंह भाईलाल देवांगन अध्यक्ष , रहमतुल्ला कुरेशी एवं गिरधर साहू उपाध्यक्ष, रामकिशोर बंछोर सचिव , केमन साहू सहसचिव, दुर्गेश कटेगा कोषाध्यक्ष, नंद लाल महाडोरे संयुक्त सचिव, परसोत्तम निषाद संगठन मंत्री, आरिफ खान उपाध्यक्ष प्रदेश महासंघ , गिरीश पाटर , तुलाराम निषाद, योगेश तिरपुरे इत्यादि शामिल हुए।
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