पुरी शंकराचार्यजी के आगामी राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा की मीडिया प्रभारी अरविन्द तिवारी ने दी जानकारी
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
जगन्नाथपुरी - हिन्दूओं के सार्वभौम धर्मगुरु तथा हिन्दू राष्ट्र प्रणेता भगवत्पाद आदि शंकराचार्य महाभाग के करकमलों द्वारा स्थापित चार आम्नाय पीठों में से एक पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी पीठ ओड़िसा के 145 वें श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज चातुर्मास्य के पश्चात राष्ट्रव्यापी राष्ट्र रक्षा अभियान अंतर्गत उत्तरप्रदेश के जौनपुर तथा प्रतापगढ़ यात्रा उपरान्त 25 अक्टूबर को नीलांचल एक्सप्रेस से प्रस्थान कर आज 26 अक्टूबर प्रात: टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचें। भव्य स्वागत पश्चात यहां से निवास स्थल बाबासाहेब शमराव कदम के यहां आदित्यपुर , जमदेशपुर प्रस्थान करेंगे। सायं चार बजे से एक्स०एल०आर०आई० में आयोजित धर्मसभा में आध्यात्मिक संदेश प्रदान करेंगे। दूसरे दिन 27 अक्टूबर को निवासस्थल पर पूर्वान्ह साढ़े ग्यारह बजे से दर्शन , दीक्षा एवं हिन्दू राष्ट्र संगोष्ठी आयोजित है , जिसमें उपस्थित भक्तजन शंकराचार्यजी के श्रीमुख से धर्म , राष्ट्र और आध्यात्म संबंधी अपने जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कर सकेंगे। उसी दिन सायं छह बजे निवास स्थल से प्रस्थान कर टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचकर रात्रि आठ बजे पुरुषोत्तम एक्सप्रेस द्वारा 28 अक्टूबर को प्रात: लगभग साढ़े पांच पुरी ओड़िसा रेलवे स्टेशन पहुंचकर श्रीगोवर्द्धनमठ, शंकराचार्य मार्ग, बाली साही, स्वर्ग द्वार , समुद्र तट के समीप प्रस्थान करेंगे। श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी में दिनांक 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर तक पूर्वान्ह साढ़े ग्यारह बजे तथा सायं साढ़े पांच बजे शंकराचार्यजी का दर्शन , संगोष्ठी सुलभ होगा। राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा की अगली कड़ी में पुरी शंकराचार्यजी 04 नवम्बर को प्रात: दस बजे बजे मठ से प्रस्थान कर पुरी रेलवेस्टेशन में रेलमार्ग द्वारा नंदनकानन एक्सप्रेस द्वारा प्रयागराज उत्तरप्रदेश प्रस्थान करेंगे। गौरतलब है कि पुरी शंकराचार्यजी सनातन संस्कृति एवं राम राज्य समन्वित हिन्दू राष्ट्र निर्माण की उद्घोषणा के साथ अपनी राष्ट्र व्यापी यात्रा में सभी हिन्दूओं में सनातन मान बिन्दुओं के प्रति आस्था के साथ साथ इसकी रक्षा के लिये तत्परता पूर्वक कार्य करने जन जागृति का आह्वान कर रहे हैं। महाराजश्री छोटे छोटे सूत्रों के द्वारा प्रेरित करते हैं कि हिन्दू राष्ट्र निर्माण में समाहित आधारभूत बिन्दुओं के अंतर्गत देशी गोवंश की सुरक्षा , मठ - मन्दिरों में गोशाला की अनिवार्यता , प्रत्येक हिन्दू परिवारों से अपने अपने क्षेत्रों को समृद्ध तथा स्वावलंबी बनाने हेतु प्रतिदिन एक रुपया अर्थ संग्रह तथा एक घंटा श्रमदान द्वारा सहयोग आवश्यक है। परस्पर समन्वय तथा संगठित होकर हम अपने क्षेत्रों की छोटी समस्याओं का समाधान स्वयं कर सकते हैं। सनातन वर्णाश्रम व्यवस्था के प्रति आस्था आवश्यक है क्योंकि यह वर्तमान कम्प्यूटर , मोबाइल एवं एटम के युग मे भी सर्वोत्कृष्ट तथा प्रासंगिक है। दूसरे धर्मावलम्बी को संदेश देते हैं कि वे सहिष्णुता पूर्वक स्वीकार करें कि सबके पूर्वज सनातनी आर्य वैदिक हिन्दू ही सिद्ध होते हैं क्योंकि हमारा सनातन धर्म लगभग दो अरब वर्ष पूर्व हुई सृष्टि संरचना के समय से ही अस्तित्व है तथा विश्व में मौजूद सभी समस्याओं का समाधान वैदिक शास्त्र सम्मत सिद्धान्तों के अनुपालन से ही सम्भव हो सकेगा। इसकी जानकारी श्रीसुदर्शन संस्थानम , पुरी शंकराचार्य आश्रम / मीडिया प्रभारी अरविन्द तिवारी ने दी।
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