रिपोर्टर रोहित वर्मा
लोकेशन खरोरा
खरोरा में गौरा गौरी उत्सव धूमधाम से मनाया गया।
खरोरा
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा यानी गौरा गौरी का दिन रहता है.गऊरा गऊरी गीत छत्तीसगढ़ का एक प्रसिद्ध लोक उत्सव है। गऊरा हैं शिव तथा गऊरी हैं गौरी पार्वती। यह लोक उत्सव हर वर्ष कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या (दीपावली और लक्ष्मी पूजा के बाद) मनाया जाता है। इस पूजा में सभी जाति समुदाय के लोग शामिल होते हैं।
इस अंचल में दीपावली पूजा के दिन को ‘शुरुहुत्ति त्यौहार’ कहते हैं, अर्थात् त्यौहार की शुरुआत।
खरोरा में गौरा गौरी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। गौरा गौरी भगवान शिव और माता पार्वती के प्रतीक हैं छत्तीसगढ़ की पुरानी परंपराओं में से एक इस परंपरा का निर्वाह क्षेत्रवासियों द्वारा सदियों से किया जा रहा है। दीपावली की रात से इसका आयोजन होता है, दीपावली के अगले दिन भक्तों द्वारा इसका आयोजन किया गया, परंपरा अनुसार गौरा गौरी का विवाह किया गया। सुबह गाजे बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाओं द्वारा सर पर कलश और गौरा गोरी लेकर शोभायात्रा में चलते रहे। हाथों में सोंटा खाने की परंपरा का निर्वाह किया।ऐसी मान्यता है कि अपने हाथों पर सोंटा खाने से सभी तरह के दुख एवं परेशानी दूर हो जाती है। खरोरामें आज धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई।
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