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Tuesday, November 26, 2024

माँ के छठें दिन मां कात्यायनी मॉ की हुई भव्य दिव्य महाआरती, पूजा, अर्चना - पं. श्रीहरि जी महाराज आज होगी मॉ की चुनरी यात्रा कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।

 माँ के छठें दिन मां कात्यायनी मॉ की हुई भव्य दिव्य महाआरती, पूजा, अर्चना -  पं. श्रीहरि जी महाराज




आज होगी मॉ की चुनरी यात्रा

कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।

दमोह। स्थानीय शिव शनि हनुमान मंदिर एस.पी.एम. नगर में 20 नवम्बर 2024 से 28 नवम्बर 2024 तक नव दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा पुराण एवं गौतम परिवार द्वारा आयोजित इस आयोजन में हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध कथा वाचक श्री हरि जी महाराज के मुखारविंद से कथा की जा रही हैं।


हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध कथा वाचक श्री हरि जी महाराज के मुखारविंद से कथा की जा रही हैं। नव दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के छठें दिन कि कथा में सनातन धर्म के लोगों के लिए इस दिन माता रानी के अलग-अलग रूपों की पूजा और व्रत करने का विधान है, 




ऐसे में मॉ के छठें दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। इस दिन मां कात्यायनी की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है, धार्मिक मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से साधक को विवाह संबंधी बाधा समेत कई परेशानियों से छुटकारा मिलता है,




 ऐसा माना जाता है कि पूजा के दौरान मां कात्यायनी की कथा का पाठ न करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है और पूजा असफल होती है।

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में महर्षि कात्यायन ने संतान प्राप्ति के लिए मां भगवती की अधिक तपस्या की, उनकी तपस्या से मां भगवती प्रसन्न होकर महर्षि कात्यायन को दर्शन दिए, इस दौरान महर्षि ने उनके सामने अपनी इच्छा प्रकट की, इस पर उन्होंने महर्षि को वचन दिया कि वह उनके घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी। एक बार महिषासुर नाम के एक दैत्य का अत्याचार तीनों लोकों पर बढ़ता जा रहा था, ऐसा देख सभी देवी-देवता परेशान हो गए। तब त्रिदेव, ब्रह्मा, विष्णु और महेश अर्थात भगवान शिव के तेज से देवी को उत्पन्न किया जिन्होने महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया। महर्षि के घर जन्म लेने की वजह से उन्हें कात्यायनी नाम दिया गया, माता रानी के घर में पुत्री के रूप में जन्म लेने के बाद ऋषि कात्यायन ने सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि पर मां कात्यायनी की विशेष उपासना की। इसके पश्चात मां कात्यायनी ने दशमी के दिन महिषासुर का वध किया और तीनों लोकों को उसके अत्याचारों से छुटकारा दिलायज्ञं

कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।

मॉ के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को देवी के आशीर्वाद से उसे अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों की प्राप्ति हो जाती है. मां कात्यायनी की पूजा करने पर साधक की शत्रुओं पर विजय होती है, इसके अलावा जिनके भी कुण्डली में विवाह का योग नहीं बन रहा है उन्हें मां कात्यायनी की पूजा जरूर करनी चाहिए।

आज कथा के सांतवे दिन मॉ की चुनरी चढ़ाई जायेगी समय दोपहर 2 बजे से ए.पी.एम. नगर से शिव, शनि, हनुमान, मंदिर में आयोजन किया जायेगा जिसमे सभी धर्म प्रेमियों से उपस्थित की अपील की है।

यह आयोजन प्रतिदिन 20 नबंवर से 28 नवंबर तक कथा प्रतिदिन दोपहर 2ः30 बजे से शाम 6 बजे तक श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। तत्पश्चात शाम 6 बजे आरती एवं प्रसाद वितरण किया जावेगा। शहर में पहली बार श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है सभी धर्म प्रेमी बंधुओ से इस अवसर पर गौतम परिवार ने सभी से अधिक से अधिक संख्या में पधारकर धर्म लाभ ले।

सादर प्रकाशनार्थ

............................ अनुराग गौतम

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