मुरैना मध्यप्रदेश।
सर्दी की बारिश का असर तापमान पर सीधा पड़ता है. हिमालयी क्षेत्रों से आने वाली ठंडी हवा मैदानी इलाके में तापमान और गिराती हैं. इस तरह तापमान गिरने से ठंड बढ़ती है. आमतौर पर ठंड में मौसम में सूखापन होता है, लेकिन बारिश के बाद इसमें नमी की मात्रा बढ़ती है. इससे ठंड का अहसास और ज्यादा बढ़ता है. यही वजह है कि ऐसे मौसम में और भी ज्यादा अलर्ट रहने की सलाह दी जाती है.
बारिश से सीधा फायदा रबी की फसलों को होता है. रबी की फसल के लिए बारिश जरूरी मानी जाती है. इससे खेतों में नमी बनी रहती है. बारिश के कारण मिट्टी में पोषक तत्व घुल जाते हैं जो पौधों तक पहुंचते हैं, लेकिन एक लिमिट में होने वाली बारिश ही फायदा पहुंचाती है.जहां प्रदूषण रहता है और हवा साफ नहीं है. बारिश हैवी पार्टिकल्स को नीचे लाती और हवा की क्वालिटी में सुधार होता है. मानसून के बाद धीरे-धीरे नदियों और तालाबों का जलस्तर कम हो जाता है. बारिश पानी के स्तर को बढ़ाने का काम काम करती है. इसके अलावा बारिश हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर के लिए पानी की कमी को भी पूरा करती है.फायदों के साथ इसके अपने नुकसान भी हैं. खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ता है. ट्रांसपोर्टेशन की रफ्तार धीमी हो जाती है. कम्युनिकेशन में बाधाएं पहुंचती हैं.सर्दियों की बारिश से हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे कोहरा और अधिक घना हो सकता है, खासकर उत्तरी इलाकों में. मैदानी क्षेत्रों में जहां आर्द्रता का स्तर पहले से ही अधिक है, बारिश से कोहरा और भी बदतर हो सकता है, जिससे बिजिबिलिटी भी काफी कम हो सकती है. इसके विपरीत, उन क्षेत्रों में जहां पहले से ही कोहरा मौजूद है, बारिश इसे खत्म करने में मदद कर सकती है, जिससे नया कोहरा बनने से पहले हवा कुछ हद तक साफ हो जाएगी.
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