नि:संतान दंपत्तियों के लिए आसान नुस्खों से मिल सकती हैं खुशी ।
सी एन आइ न्यूज पुरुषोत्तम जोशी।
यदि किसी स्त्री को मासिक-धर्म नियमित रूप से सही मात्रा में होता हो, परंतु गर्भ नहीं ठहरता हो तो उन स्वियों को मासिक-धर्म के दिनों में तुलसी के बीज चबाने से या पानी में पीसकर लेने अथवा काढ़ा बनाकर सेवन करने से गर्भधारण हो जाता है।
यदि गर्भ स्थापित न हो तो इस प्रयोग को 1 वर्ष तक लगातार करें।
इस प्रयोग से गर्भाशय निरोग, सबल बनकर गर्भधारण के योग्य बनता है। छाया में सूखी सफेद आक की जड़ को महीन पीसकर, एक-दो ग्राम की मात्रा में 250 मिलीलीटर गाय के दूध के साथ स्त्री को सेवन कराएं।
शीतल पदार्थों का पथ्य देखें।
इससे बंद ट्यूब व नाड़ियां खुलती हैं, व मासिक- धर्म, गर्भाशय की गांठों में भी लाभ होता है।
सुबह के समय 5 कली लहसुन की चबाकर ऊपर से दूध पीयें। यह प्रयोग पूरी सर्दी के मौसम में रोज करने में स्त्रियों का बांझपन दूर हो जाता है ।
मासिक-धर्म ठीक होने पर भी यदि संतान न होती ही तो रुई के फाये में फिटकरी लपेटकर पानी में भिगोकर रात को सोते समय योनि में रखें।
सुबह निकालने पर रूई में दूध की खुर्चन सी जमा होगी।
फाहा तब तक रखें, जब तक खुर्चन आता रहे।
जब खुर्चन आना बंद हो जाए तो समझना चाहिए कि बांझपन रोग समाप्त हो गया है।
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