सनातन धर्म में पत्नी को अर्द्धागिनी क्यों कहा जाता है ?
सी एन आइ न्यूज़ पुरुषोत्तम जोशी।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पत्नी पति के शरीर का आधा हिस्सा होती है और साथ ही लक्ष्मी स्वरूप भी होती है। कई शास्त्रों में इसको लेकर अलग-अलग वर्णन किए गये हैं।
हिन्दू शास्त्रों में पत्नी को वामांगी कहा गया है। जिसका अर्थ होता है बाएं अंग का अधिकारी। इसलिए पुरुष के शरीर का बायां हिस्सा स्त्री का माना जाता है। इसका कारण ये है कि भगवान शिव के बाएं अंग से स्त्री की उत्पत्ति हुई है, जिसका प्रतीक शिव का अर्धनारीश्वर शरीर है। यही कारण है कि हस्तरेखा विज्ञान की कुछ पुस्तकों में पुरुष के दाएं हाथ से पुरुष की और बाएं हाथ से स्त्री की स्थिति देखने की बात कही गयी है। शास्त्रों में कहा गया है कि स्त्री पुरुष की वामांगी होती है। इसलिए सोते समय और सभा में सिंदूरदान द्विरागमन आशीर्वाद ग्रहण करते समय और भोजन के समय स्त्री को पति के बायीं ओर रहना चाहिए। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है ।
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