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दाहोद गुजरात के रेलवे हॉस्पिटल के 1818/D मे आशीष कुलडे के यहां ताला काट कर चोरो द्वारा घर को तितर बितर कर दिया है। पूर्व में फिल्टर साईड मे मकान नंबर 923/G और 921/ मे चोरी की घटना सामने आयी थी
अब दाहोद रेलवे हॉस्पिटल के बंगला नंबर 1818/D में चोरी हुई है।
रेल्वे मे ECG टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत आशीष कुलडे के घर चोरी हुई। जो अपने परिवार के साथ गांव गये हैं। ऐसा पड़ोसियों ने बताया।
वहीं एक घटना वर्कशॉप में कार्यरत कर्मचारी धानसिंग मीणा के यहां पिछले महीने रविवार को घर का ताला तोड़कर घर की अलमारी और सारा सामान बिखेर गये।
वहीं धानसिंग मीणा के मित्र नरेन्द्र मीणा और रकमसिग मीणा मकान पर पहुचे और सारी जानकारी से अवगत कराया, कि धानसिंग मीणा और उसका परिवार अपने गांव दिनांक 31/01/2025 को गया था और मकान में ताला था। चोरो ने मौका देखकर हाथ साफ कर दिया।
923/G और 921 फिल्टर साईड में है। नरेन्द्र मीणा और रकमसिंग मीणा ने बताया, कि धानसिंग मीणा से फोन द्वारा पता चला कि अलमारी मे 1000 नगद, बच्ची की चांदी की पायल,सोने का लॉकेट जैसी चीजें चोरी हुई। पूरे घर का सामान बिखरा पड़ा है।
वहीं AEN उपेन्द्र कुमार एवं उनके विभाग के SSE रोहित की भी लापरवाही कहना गलत नहीं होगा।
जहां जंगली झाड़ियां पूरी कॉलोनी मेडिकल हो या खड्डा कॉलोनी या D साइट या C site, सभी जगह जंगली झाड़ियां उग रही हैं, जो चोरो को चोरी करने मे मददगार होती हैं।
चोर , चोरी कर जंगली झाड़ियों मे छिप जाते हैं।
वहीं घर मालिक एवं पास पड़ोसियों का कहना है, कि कई बार दरवाजे खिड़की बदलने की कम्पलेन AEN उपेन्द्र कुमार और विभाग के SSE रोहित को ऑफ लाइन एवं ॴॅनलाईन की गई, पर कोई देखने तक नहीं आते हैं। और आ भी गए तो थोड़ा बहचत काम कर कम्पलेन बंद कर देते हैं।
वहीं कॉलोनी हो या वर्कशॉप आने जाने का रास्ते, वह पूरी तरह से सीमेंस कम्पनी के हेवी ट्रक चल चल के खराब कर दिये गये हैं, तो भला RPF स्टाॅफ कैसे पेट्रोलिंग करे। जहां कर्मचारी खुद सुरक्षित नहीं, वहां कॉलोनी की सुरक्षा सवालो के घेरे में आती है।
IOW विभाग से AEN उपेन्द्र कुमार साहब और SSE रोहित की लापरवाही एवं भ्रष्टता दिखाई दे रही है।
अब तो लोगों को कहते सुना भी गया है, कि AEN उपेन्द्र कुमार साहब और SSE रोहित साहब की चोरों से साठ गांठ तो नही ?
क्योंकि रेलवे दाहोद के जितने भी बड़े पेड़ और झाड़ काटे गए हैं, उन कटे पेड़ों को छोटा हाथी और ट्रैक्टर से रेलवे में जमा कराने की जगह उन्हें किसके हाथ बेचा है, उसके सारे सबूत मीडिया के पास विडीयो के साथ मौजूद है।
अब सवाल यह उठता है, क्योंकि कॉलोनी के रख रखाव की जिम्मेदारी तथा जोन से पैसे की मंजूरी यह सब AEN उपेन्द्र कुमार और SSE रोहित का काम है।
कॉलोनी मे ज्यादातर क्वार्टर हेवी रिपेयर मे पडे़ हैं, जिसके कारण हर एक क्वार्टर के बाद एक क्वार्टर खाली पडे हैं और उनमें अवैध लोग कब्जा कर लेते हैं, तो स्वभाविक है कि फेमेली के साथ जो रेल कर्मचारी रह रहा है, तो उसके यहां चोरी तो होगी।
AEN साहब के घर क्यों चोरी नहीं होती, उन SSE के यहां क्यों नही होती ?!!!
क्योंकि जोनल वर्क में सबसे पहले इनके घरों का काम होता है। खुद AEN के घर में मार्बल लगाई गई और उनके बड़े परीचित के यहां लोहे के दरवाजे खिड़कियां लगाई गई हैं। वहीं कर्मचारी एक सडे़ दरवाजे कि कम्पलेन करते करते रिटायर्ड या ट्रान्सफर हो जाता है, पर वे सुविधा को तरसते रहते हैं। लेकिन इन अधिकारियों का और ठकेदारों का पेट कभी नहीं भरता है ।
अब सवाल यह है, कि जब रेलवे कर्मचारी और कॉलोनी सुरक्षित नहीं है, तो भला रेलवे कर्मचारी किसके भरोसे ड्युटी पर जायें!!?
वहीं सूत्रों से पता चला है, कि AEN उपेन्द्र कुमार साहब और SSE रोहित साहब को आपस में बात करते सुना है, कि ये न्यूज चैनल वाले हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते, न्यूज मे डालने से क्या होगा ?
तो इनकी इस बात से भ्रष्टाचार कि जड़ रतलाम के बडे अधिकारियों तक की पोल खोलती दिखाई पड़ती है ।
वहीं दाहोद मे रेलवे आवास में कितनी कॉलोनियों में अवैध लोग घुसे हैं, जो ये आज तक खाली कराने में असमर्थ हैं।
सूत्रों का कहना है, कि सनातन मंदिर की लाईन की जांच करने पर पता चला, कितने लोग अवैध घुसे हैं। फ्री की लाइट, रेलवे का पानी यूज कर रहे हैं। कई लाखों करोडो का रेवेन्यू लाॅस हो रहा है।
कितने सालों से रेलवे आवास हैवी रिपेयर के नाम से बंद पड़े हैं। अब ये ही अधिकारी उनको असुरक्षित घोषित कर रहे हैं। इसकी जांच DRM सर को करनी चाहिए।
इन भ्रष्ट अधिकारीयों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
यही दाहोद के कर्मचारी की मांग है।
दाहोद गुजरात से पूनम प्रदीप प्रजापति की रीपोर्ट
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