राजनादगांव
40वीं वाहिनी, आईटीबीपी डोंगरगढ़ में "आर्ट ऑफ लिविंग" कोर्स का शुभारंभ
डोंगरगढ़- 40वीं बटालियन, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के डोंगरगढ़ कैंप परिसर में बल के पदाधिकारियों के लिए "आर्ट ऑफ लिविंग" कोर्स का शुभारंभ किया गया। यह कोर्स गृह मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा संचालित गवर्नमेंट एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम (GEP) का हिस्सा है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से 03 07 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य बल में तैनात पदाधिकारियों के तनाव और मानसिक दबाव को कम करना है साथ ही जवानों को अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में संतुलन बनाने में भी मदद करना है, जिससे उनकी कार्यकुशलता और मानसिक स्थिति में सुधार हो सके।
आजकल, अधिकांश संस्थाओं पर मानव संसाधन और कार्य वातावरण अनुकूल न होने के बावजूद भी अपने निर्धारित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारी दबाव रहता है. जिसके परिणामस्वरूप, एक सरकारी सेवक को कार्यस्थल, परिवार और सामाजिक जीवन में विभिन्न प्रकार के दबावों का सामना करना पड़ता है, जो उनकी कार्यकुशलता और मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं। इन दबावों का असर न केवल व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है, बल्कि यह पूरे संगठन की कार्यकुशलता और प्रदर्शन को भी प्रभावित करता है। इस संदर्भ में, आर्ट ऑफ लिविंग का गवर्नमेंट एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम (GEP) सरकारी संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायक के रूप में कार्य करता है, जिससे कार्यस्थल पर सकारात्मक मानसिकता का निर्माण किया जा सके और समग्र कार्य वातावरण को बेहतर बनाया जा सके।
40वीं बटालियन, आईटीबीपी नक्सल विरोधी अभियानों में छत्तीसगढ़ के जिला राजनांदगांव और के.सी.जी. क्षेत्र में तैनात है। बटालियन में तैनात जवान अक्सर अपने परिवार से दूर रहते हैं और अपने कार्यस्थलों पर लगातार मिशन और अभियान संचालित करते रहते हैं। इन व्यस्तताओं के कारण उन्हें छुट्टियां लेने में कठिनाई होती है, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित तथा उनकी कार्य क्षमता में कमी आ सकती है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह "आर्ट ऑफ लिविंग" कोर्स 'व्यक्ति विकास केन्द्र' के प्रतिनिधियों द्वारा संचालित किय जा रहा है। इस कोर्स में प्राचीन भारतीय ज्ञान और सरल, प्रभावी तकनीकों का उपयोग किया जाता है जो न केवल व्यक्तिगत स्तर पर जवानों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाएगा, बल्कि यह कार्यस्थल पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा। इस कोर्स के माध्यम से जवानों को तनाव कम करने के आसान और प्रभावी तरीके सिखाए जाएंगे, जिससे उनकी कार्यकुशलता, मानसिक स्पष्टता और आंतरिक शांति में वृद्धि होगी। साथ ही, इससे बल के समग्र प्रदर्शन और कार्य वातावरण में भी सुधार होगा।
इस कोर्स के समाप्ति के बाद, प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले जवान अधिक मानसिक दृढ़ता, बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य, और कार्यस्थल पर बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। कार्यक्रम के अंतर्गत, जवानों को ध्यान, प्राणायाम, और तनाव प्रबंधन जैसी तकनीकों का अभ्यास कराया जाएगा, जो उन्हें अपने कार्यों में अधिक ध्यान केंद्रित करने और कार्यस्थल पर उत्पन्न होने वाली समस्याओं का प्रभावी समाधान करने में सक्षम बनाएगा। यह कोर्स बल के हर स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक साबित होगा।
सी एन आई न्यूज राजनांदगांव से रोशन कुमार पटेल की रिपोर्ट
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