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Friday, February 7, 2025

संत रविदास जयंती: समानता और न्याय के लिए एक आंदोलन की शुरुआत दलितों और आदिवासियों पर अत्याचारों के खिलाफ आवाज

 जिला सिवनी मध्यप्रदेश

संत रविदास जयंती: समानता और न्याय के लिए एक आंदोलन की शुरुआत दलितों और आदिवासियों पर अत्याचारों के खिलाफ आवाज



सी एन आई न्यूज 

सिवनी,  - संत रविदास जयंती 12 फरवरी को संत रविदास शिक्षा मिशन मंगली पेठ सिवनी के तत्वाधान में मनाई जाएगी। इस जयंती समारोह में दलितों और आदिवासियों पर हो रहे बर्बर अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।

संत रविदास ने एक ऐसे देश की कल्पना की थी जहां समानता, सद्भाव और सभी लोग हर तरह से सुखी रहते। उनके सपनों को साकार करने के लिए, इस समारोह में उनके विचारों और शिक्षाओं पर चर्चा की जाएगी।

यह समारोह न केवल संत रविदास की जयंती मनाने का अवसर है, बल्कि यह समाज में समानता और न्याय के लिए एक आंदोलन की शुरुआत भी है। इस समारोह में दलितों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई जाएगी, और उनके खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर प्रकाश डाला जाएगा।

मंदिरों का निर्माण देश प्रदेश में करोड़ों रुपए की लागत से संत रविदास जी के मंदिर बनाये जा रहे हैं

  विचारों की अनदेखी: संत रविदास जी के विचारों को कोई लागू नहीं करता है

अत्याचारों के खिलाफ आवाज  इस जयंती समारोह में दलितों और आदिवासियों पर हो रहे बर्बर अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।

 संत रविदास का सपना संत रविदास ने एक ऐसे देश की कल्पना की थी जहां समानता, सद्भाव और सभी लोग हर तरह से सुखी रहते। विचारों की अनदेखी संत रविदास जी के विचारों को कोई लागू नहीं करता है।

बर्बर अत्याचार कमजोर वर्ग के लोग हर दिन हो रहे बर्बर अत्याचारों से खून के आंसू बहा रहे हैं। कुछ घटनाएं अयोध्या में दलित युवती से गैंगरेप, भोपाल में दलित से मारपीट, उदयपुर में आदिवासी महिला से गैंगरेप, गुना में आदिवासी महिला को जिंदा जलाया, गुजरात में दलित छात्र की हत्या, सतना में आदिवासी सरपंच को लात मार गिराया, खीरी में दो बेटियों का अपहरण, दुष्कर्म और हत्या। शासन-प्रशासन की विफलता: शासन-प्रशासन इन घटनाओं पर अंकुश लगाने में असमर्थ हैं।

  चिंतन इन घटनाओं से कैसे मुक्ति मिलेगी इस पर गहन चिंतन किया जाएगा।

यह खबर समाज में दलितों और आदिवासियों की स्थिति के बारे में एक गंभीर चिंता पैदा करती है। यह संत रविदास के सपनों को साकार करने और सभी के लिए समानता और न्याय सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालती है। समारोह में संत रविदास के विचारों और सपनों पर चर्चा की जाएगी, साथ ही दलितों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई जाएगी। यह समारोह न केवल संत रविदास की जयंती मनाने का अवसर है, बल्कि यह समाज में समानता और न्याय के लिए एक आंदोलन की शुरुआत भी है।

जिला ब्यूरो छब्बी लाल कमलेशिया की रिपोर्ट

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