Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Friday, March 21, 2025

यूथ एवं ईको क्लब का दो दिवसीय प्रशिक्षण बसना में हुआ सम्पन्न सभी प्रशिक्षणार्थी यूथ क्लब एवं इको क्लब के उद्देश्यों के बारे में जान पाए क्लीन -ग्रीन-इको फ्रेंडली विद्यालय बनाने पर दिया गया जोर

 यूथ एवं ईको क्लब का दो दिवसीय प्रशिक्षण बसना में हुआ सम्पन्न





सभी प्रशिक्षणार्थी यूथ क्लब एवं इको क्लब के उद्देश्यों के बारे में जान पाए


क्लीन -ग्रीन-इको फ्रेंडली विद्यालय बनाने पर दिया गया जोर



कुंजराम यादव बसना रिपोर्टर 



 जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा महासमुन्द रेखराज शर्मा के निर्देशानुसार विकास खंड शिक्षा अधिकारी जेआर डहरिया एवं विकास खंड स्रोत समन्वयक पूर्णानंद मिश्रा के मार्गदर्शन में यूथ एवं यूको क्लब के क्रियान्वयन हेतु विकास खंड बसना के प्रत्येक पूर्व माध्यमिक शालाओं के इको क्लब/विज्ञान शिक्षक का दो दिवसीय विकास खंड स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन मनरेगा सभागार बसना में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण की शुरुआत करते हुए विकास खंड स्रोत समन्वयक पूर्णानंद मिश्रा ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को अपने मूल कर्तव्यों को,शालेय स्तर में अपने सभी जिम्मेदारियों को ईमानदारी के साथ निष्ठापूर्वक एवं रूचि,आत्मयिता के साथ अपने कर्तव्यों को पूर्ण करने के लिए प्रोत्साहित किए।आगे उन्होंने कहा कि अपने आसपास के वातावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए, हमें व्यक्तिगत स्तर पर प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग कम करना होगा। हमें प्लास्टिक के बदले पुन: प्रयोग में लाए जाने योग्य बैग्स, बॉटल्स, और अन्य वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, हमें प्लास्टिक कचरे का सही तरीके से निस्तारण करना और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करना होगा। जिला स्तर से प्रशिक्षित बीआरजी के रुप में उत्तरा कुमार चौधरी,नरेश कुमार मिश्रा, प्रेमचन्द साव, गजेन्द्र नायक, डीजेंद्र कुर्रे, गीतांजलि नाग, अनुसुइया पुरोहित, चंचला सतपति,जयप्रकाश प्रधान, अन्नपूर्णा बुड़ेक ने आडियो, वीडियो, पीपीटी एवं अन्य माध्यमों से प्लास्टिक की खोज, निर्माण, इतिहास, प्लास्टिक के सात प्रकारों- पीईटी,एचडीपीई,पीव्हीसी,एलडीपीई,पीपी एवं अन्य, प्लास्टिक का उपयोग कम करना,पुनः उपयोग, पुनःचक्रण, जल संरक्षण,जल संरक्षण हेतु वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, प्लास्टिक के दुष्प्रभाव, विद्यालय में पोषण वाटिका निर्माण के तहत् छात्र-छात्राओं के भविष्य के लिए एक कदम,पोषण वाटिका का अर्थ, विशेष महत्व, रसायन रहित खेती, पोषण वाटिका के लाभ, मिट्टी की तैयारी, फसल चक्रण, मिश्रित फसल, प्लास्टिक साक्षरता के तहत् पर्यावरण, सर्वे कार्य,जल प्रदूषण,जल संरक्षण, समुद्र पर प्लास्टिक के दुष्प्रभाव, प्लास्टिक के विकल्प,जमीन मेला,बाल कैबिनेट का गठन एवं उसके कार्य,यूथ क्लब एवं इको क्लब के गठन,कार्य,गतिविधियां आदि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। इस अवसर पर डीएमसी रेखराम शर्मा ने प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने, पर्यावरणीय प्रदूषण,प्लास्टिक के दुष्प्रभाव,जल संरक्षण के लाभ,प्रत्येक विद्यालय में पोषण वाटिका के लाभ को विस्तारपूर्वक बताया गया। आगे उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से होने वाले नुकसानों को नजरअंदाज करना अब संभव नहीं है। इसके कचरे के कारण न केवल पर्यावरण, बल्कि मानव जीवन और वन्यजीवों के अस्तित्व के लिए भी खतरे की घंटी बज रही है। इस समस्या का समाधान केवल जब संभव होगा, जब हम प्लास्टिक के उपयोग में कमी लाएँ और पुनर्चक्रण को बढ़ावा दें। साथ ही, वैकल्पिक सामग्री का उपयोग और प्लास्टिक के बजाय बायोडिग्रेडेबल उत्पादों की ओर रुझान बढ़ाना होगा। इस दिशा में सरकार, उद्योग और नागरिकों को मिलकर कदम उठाने होंगे ताकि हम इस समस्या का समाधान ढूँढ़ सकें और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित कर सकें।एपीसी संपा बोस द्वारा यूथ क्लब एवं ईको क्लब के गठन की प्रक्रिया एवं गतिविधियों के बारे में प्रकाश डाला गया।सभी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अभ्यास कराते हुए आदर्श पोषण वाटिका निर्माण, वृक्षारोपण,बागवानी, सीड बाल निर्माण, आदि के बारे में जानकारी प्रदान किया गया। प्रशिक्षण के दौरान पेपर बैग निर्माण, पोषण वाटिका हेतु नक्शे का निर्माण आदि करवाया गया। सभी मास्टर ट्रेनरों ने यूथ क्लब एवं इको क्लब के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि यूथ क्लब के तहत् बच्चों में जीवन जीने का कौशल,आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास विकसित करने,तनाव,भय एवं संकोच जैसे मनोविकारों को दूर कर सोच में लचीलापन विकसित करने के उद्देश्य से प्रत्येक विद्यालय में यूथ क्लब की स्थापना तथा इको क्लब के तहत् बच्चों को अपने आसपास के पर्यावरण एवं जैव विविधता के प्रति जागरूक एवं संवेदनशील बनाने तथा पर्यावरण गतिविधियों एवं प्रोजेक्ट पर कार्य करने के क्षमता प्रदान करने की उद्देश्य से प्रत्येक शासकीय विद्यालयों में इको क्लब की स्थापना किया गया है।प्रशिक्षण प्रभारी के रूप में शरण कुमार दास एवं प्रशिक्षण आयोजन में समन्वयक अनिल सिंह साव एवं वारिश कुमार, मास्टर ट्रेनर्स के रूप में उत्तरा कुमार चौधरी, नरेश कुमार मिश्रा, प्रेमचन्द साव, गजेन्द्र नायक, जयप्रकाश प्रधान, अन्नपूर्णा बुड़ेक का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad