फाइलेरिया, दवाई की खुराक लेने से महिला की हालात नाजुक
रिपोर्टर अजय नेताम
तिल्दा नेवरा तिल्दा नेवरा के वार्ड क्रमांक 20 निवासी महिला की फाइलेरिया दवाई खाने से हालात नाजुक बनी हुई है। बता दे की राज्य सरकार के आदेशानुसार आंगनवाड़ी और मितानिनों के माध्यम से घर घर जाकर फाइलेरिया की दवाई खिलवाई जा रही है । इसी अभियान के तहत तिल्दा बस्ती के राजेंद्र वार्ड क्रमांक 20 में भी फाइलेरिया की दवाई का वितरण किया गया परिजनों के बताएं अनुसार दवाई की रिएक्शन के कारण महिला की स्थिति गंभीर बनी हुई है जिसे पहले सरकारी हॉस्पिटल में ले जाकर भर्ती करवाया गया वहां से मिशन हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया मिशन हॉस्पिटल में भी स्थिति नहीं सुधरने पर रायपुर के एम्स हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया जहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है । और आईसीयू में भर्ती है परिवार जनों का आरोप है कि महिला की स्थिति को बगैर जाने हुए दवाई का वितरण कर खिला दिया गया वही शहर के जनप्रतिनिधियों ने सरकारी हॉस्पिटल पहुंच कर मामले की जानकारी जुटाने की कोशिश की गई तो संबंधित कर्मचारीयों के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया दुर्व्यवहार का यह कोई नया मामला नहीं है सरकारी हॉस्पिटल के लिए आए दिन यहां मरीज के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत आती रहती है । यहां परिजन इस नाम से भी चुप पड़ जाते हैं कि उनको अपने मरीज का इलाज करवाना है ना की किसी से बहस करनी है यहा कई स्टाफ वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं जिस कारण वह अपने आप को सरकारी हॉस्पिटल का मालिक समझ बैठे हैं वही इस मामले पर सरकारी हॉस्पिटल के बीएमओ उमा पैकरा से बात करने पर बताया गया कि अगर किसी व्यक्ति का पहले से दवाई या कुछ चल रहा है तो उसको फाइलेरिया की दवाई नहीं दी जाती है लेकिन बिना जांच के दवाई दे दिया गया है तो उसकी जांच करवा कर निश्चित रूप से कार्यवाही की जाएगी ।
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