रायपुर छत्तीसगढ़।
प्रतिष्ठा में,
मान्यवर श्री मनोज मानिकपुरी जी।
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब,
विषय:- मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ एवं राष्ट्रीय पनिका समाज महासमिति नई दिल्ली के साथ प्रांतीय मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ की परस्पर सहमति से विलय होने की घोषणा कर पनिका -पनका समाज छत्तीसगढ़ के बैनरतले प्रादेशिक संगठन चुनाव से पृथक होकर प्रांतीय मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ संगठन एक स्वतंत्र संगठन के रूप में अपना अस्तित्व बनाए रखने की घोषणा बाबत।
उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि, प्रदेश में मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ का अनेक संगठन होने की वजह से समाज के विकास एवं प्रगति में अवरोध उत्पन्न होने के मददेनजर सभी संगठनों को एक समाज एक संगठन एक नेतृत्व एक विधान एक पहचान बनाने की अवधारणा को लेकर महादेव घाट रायपुर स्थित गुरु बाला पीर
धाम में पिछले कई दौर की बैठकें हुई थी जहां प्रदेश स्तर पर तीन संगठनों ने परस्पर विलय की घोषणा कर, *मानिकपुरी पनिका -पनका समाज छत्तीसगढ़* के बैनरतले प्रादेशिक संगठन चुनाव माह मई -जून 2025 में कराये जाने की घोषणा कर उसकी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। इस तारतम्य में प्रांतीय मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ ने अब यह निर्णय लिया है कि,वे आगामी प्रस्तावित संगठन चुनाव में भाग न लेकर प्रांतीय मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ संगठन प्रदेश में अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखेगा। जिसका प्रमुख कारण निम्न है।:-
1,विगत कुछ वर्षों पूर्व मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ समाजसेवी रहे श्री ओमप्रकाश मानिकपुरी जी का असामयिक दुःखद देहावसान हो जाने के फलस्वरूप उनका मृत देह को नाटकीय रूप से कबीर पंथ के आस्था के केन्द्र बिन्दु प्रमोद गुरु बाला पीर व चौकन्ना घोड़ा समाधि स्थल के ठीक बाजू में दफन कर दिया गया था जिसका काफी सामाजिक एवं धार्मिक रूप से विरोध हुआ था।इस संबंध में कबीर धर्म नगर दामाखेड़ा के पंथ श्री हुजूर प्रकाश मुनी नाम साहेब ने स्व, ओम्प्रकाश के अग्रज श्री माधोदास जी को मोबाइल से यह सुझाव दिए थे कि उनकी डेथ बाडी को आश्रम के बाजू में स्थित सामाजिक मुक्ति धाम में ससम्मान मिट्टी दे दिया जावे किंतु उस संबंध में धर्मगुरु के आदेश को भी अनसुना कर कर दिया गया।इस तरह लाखों कबीर पंथियों के आस्था के केन्द्र प्रमोद गुरु बाला पीर आश्रम आज (धार्मिक स्थान) पूरी तरह अपवित्र एवं श्मशान घाट के रुप में तब्दील हो चुका है।इस संबंध में महानगर रायपुर के संगठन प्रभारी श्री मोहन दास मानिकपुरी जी ने इन तमाम बातों का खुलासा कर प्रदेश के सामाजिक जनों से खूलकर विरोध करने का आग्रह किया था किन्तु इस विषय पर भी प्रदेश के सामाजिक जन खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं।
2, इसी तरह संगठन चुनाव हेतु मनचाहे तरीके से मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री सत्य प्रकाश मानिकपुरी जी गरियाबंद वाले को बना दिया गया है जो चुनाव के वास्ते फायनल मिटिग में उपस्थित भी नहीं थे, इसी तरह चुनाव समिति के लिए चयनित सहायक निर्वाचन पदाधिकारीयों से कोई सलाह मशविरा न कर मनचाहे तरीके से मतदाता सूची तैयार कर रहे हैं,आदि ! तब ऐसी स्थिति में निष्पक्ष चुनाव कदापि संभव नहीं है क्योंकि अपने चहेते लोगो का मतदाता सूची तैयार कर रहे हैं जो प्रदेश पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे तथा मतदान प्रणाली से चुनाव होने का ढिंढोरा पिटेंगे इसी तारतम्य में जो ₹20 देकर मतदाता बनेगा वही वोट देने की पात्रता रखेगे ।इस तरह समाज का एक बड़ा वर्ग वोट से वंचित हो जावेगा। जिसका न कोई पंजीयन है और न ही कोई बायलाज इस तरह प्रदेश में पुनः एक नया संगठन अस्तित्व में आ जावेगा जो किसी भी तरह से समाप्त हित में नहीं है।
3, समाज के ऐसे दिशाहीन चुनाव में सामाजिक जनों के भाग लेने का कोई औचित्य नहीं है।इस संबंध में आपत्तियां अनेक है जिहका प्रत्युत्तर कोई भी पदाधिकारी नहीं दे पा रहे हैं।
उपरोक्त तमाम विसंगतियों के परिप्रेक्ष्य में प्रांतीय मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ पूर्व में अपने लिए गए विलय की घोषणा को वापस लेते हुए प्रादेशिक चुनाव में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है। तथा प्रांतीय मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ एक स्वतंत्र संगठन के रूप में अपना अस्तित्व बनाए रखेगा।
इस तारतम्य में प्रदेश के समस्त सामाजिक जनों से विनम्र निवेदन व आग्रह है कि,जिन महानुभावों की प्रांतीय मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ के प्रति आस्था है कृप्या ऐसे अवैधानिक चुनाव से अपने को पृथक रखें तथा समाज में समता सद्भाव प्रेम मैत्री भाईचारा के सुखद वातावरण में सामाजिक एकता को मजबूत करें।इसी आशा और विश्वास के साथ।
आपका सेवक।
डॉ ललित कुमार मानिकपुरी प्रदेश अध्यक्ष
प्रांतीय मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़।
दिनांक 14/42025
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