‘एक ही धर्म (हिंदुओं को) के लोगों को चुन-चुन कर मारा’: मोदी सरकार के ऑल पार्टी मिशन पर गए शशि थरूर ने खोली पाकिस्तान की पोल, पहलगाम आतंकी हमले को रखा दुनिया के सामने ।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
पहलगाम आतंकी हमले में हिंदुओं के नरसंहार को कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने दुनिया के सामने बयाँ किया। थरूर उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जिसे मोदी सरकार ने अलग-अलग देशों में भेजा है ताकि इस हमले और ऑपरेशन सिंदूर के रूप में भारत की प्रतिक्रिया के बारे में दुनिया को बताया जाए।
न्यूयॉर्क में भारतीय दूतावास में बोलते हुए थरूर ने आतंकियों के इरादों को पूरी दुनिया को बताया। शशि थरूर ने आतंकियों के इरादों को साफ करते हुए बताया कि आतंकियों ने पहले लोगों की धर्म की पहचान की और फिर सिर्फ उसी आधार पर उनकी हत्या की। जो हिंदू थे-वो मार दिए गए,
कश्मीर की तरक्की को रोकने की साजिश
शशि थरूर ने बताया कि इस हमले का समय और क्रूरता सोची-समझी थी, ताकि कश्मीर की बढ़ती साख को नुकसान पहुँचे। कश्मीर अब एक सुरक्षित और समृद्ध पर्यटन स्थल बन रहा है। उन्होंने कहा, “पिछले साल कश्मीर में अमेरिका के ऐस्पन, कोलोराडो से ज्यादा पर्यटक आए। यह सिर्फ सामान्य स्थिति नहीं, बल्कि समृद्धि का प्रतीक है।” अनुच्छेद 370 हटने के बाद मोदी सरकार के विकास कार्यों से कश्मीर में शांति और प्रगति दिख रही थी, जिसे आतंकी रोकना चाहते थे।
थरूर ने जोर देकर कहा कि यह हमला कोई सामान्य आतंकी घटना नहीं थी। यह सांप्रदायिक सौहार्द को तोड़ने की सुनियोजित कोशिश थी। उन्होंने कहा, “यह ऐसा नहीं था कि कोई बम धमाके में अंधाधुंध लोगों को मार रहा था। आतंकियों ने धर्म के आधार पर लोगों को चुना और उनकी हत्या की।
सिर्फ हिंदुओं को निशाना बनाया गया
इस आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक थे। शशि थरूर ने बताया कि सभी मृतक हिंदू थे और उन्हें उनके धर्म के कारण मारा गया। उन्होंने एक घटना का जिक्र किया जिसमें एक हिंदू प्रोफेसर ने इस्लामी कलमा पढ़कर अपनी जान बचाई, क्योंकि आतंकियों ने उन्हें मुस्लिम समझ लिया।
थरूर ने कहा, “कुछ मामलों में पति को गोली मारी गई और पत्नी को कहा गया कि वह जाकर दुनिया को बताए कि उसे उसके धर्म के कारण मारा गया।” फिर भी उन्होंने भारत की जनता की तारीफ की कि इस उकसावे के बावजूद देश में कोई जवाबी हिंसा नहीं हुई। उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि भारत में कोई जवाबी हिंसा नहीं हुई। भारतीय समाज ने एकजुट होकर दुख और दृढ़ता दिखाई।
आतंकी संगठन ने ली जिम्मेदारी
आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले के एक घंटे के भीतर इसकी जिम्मेदारी ले ली। थरूर ने कहा, “भारत को इस बात पर कोई शक नहीं था कि यह हमला कहाँ से हुआ।” हालाँकि उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया।
मोदी सरकार ने तुरंत एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाकर दुनिया के सामने भारत का पक्ष रखने का फैसला किया। थरूर इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। हालांकि कुछ विपक्षी नेताओं को इस प्रतिनिधिमंडल और थरूर जैसे नेताओं के चयन पर आपत्ति थी, लेकिन सरकार ने सभी विचारधाराओं को शामिल करके भारत की बात को और विश्वसनीय बनाया। ऑपरेशन सिंदूर के विवरण को वैश्विक मंचों पर प्रभावी ढंग से रखा गया।
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