आईजी गर्ग ने रेंज स्तरीय समीक्षा बैठक में दिये कई अतिआवश्यक निर्देश
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
दुर्ग - पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग (भापुसे.) द्वारा आज कार्यालय के सभागार कक्ष में रेंज स्तरीय दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान कुल 250 से अधिक प्रकरणों की बारीकी से समीक्षा की गई , जो तीन घंटे से अधिक समय तक चली। विशेष रूप से उन मामलों पर चर्चा की गई , जिनमें न्यायालय द्वारा आरोपियों को दोषमुक्त किया गया था तथा इसके पीछे के कारणों का गहन विश्लेषण किया गया।बैठक के दौरान महिला संबंधी अपराध , पॉस्को एक्ट , हत्या एवं हत्या के प्रयास के प्रकरण , एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत पंजीबद्ध प्रकरणों , चिट फंड प्रकरणों में हुये दोष मुक्ति के कारणों की समीक्षा , आदतन अपराधियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने , दोषसिद्धि की दर बढ़ाने एवं विवेचना की गुणवत्ता में सुधार लाने पर जोर दिया गया। गंभीर अपराधों में भौतिक साक्ष्यों को सुनियोजित रूप से एकत्र करने जैसे फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी के माध्यम से फायर आर्म/ धारदार हथियारों से फिंगर प्रिंट सुरक्षित रूप से एकत्र करना,सीसीटीवी फुटेज जप्त करना एवं इस सम्बन्ध में प्रमाण पत्र आवश्यक रूप से लेना तथा विवेचकों को गवाहों और प्रार्थियों से निरंतर संवाद बनाये रखने के निर्देश दिये गये ताकि वे न्यायालय में निर्भीकता से अपने पूर्व कथनों पर कायम रह सकें और प्रकरणों में सशक्त साक्ष्य प्रस्तुत किये जा सकें। इससे न्यायालय में आरोपी दोषसिद्ध हो सकें और उन्हें उनके अपराधों के लिये उचित सजा मिल सके। महिला एवं बच्चों से संबंधित गंभीर प्रकरणों विशेषकर अनाचार एवं पास्को एक्ट के अंतर्गत आने वाले मामलों में एफआईआर के पश्चात नवीन विधिक प्रावधानों के अनुसार साठ दिवस के भीतर चालान प्रस्तुत करने की अनिवार्यता के साथ ही ऐसे मामलों में यदि प्रार्थी या पीड़िता , जिनका कथन न्यायालय में बीएनएसएस की धारा के अंतर्गत दर्ज किया गया हो , ट्रायल के दौरान होस्टाइल होते हैं , तो उनके विरुद्ध बीएनएसएस की धारा के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई हेतु अभियोजन अधिकारियों को माननीय न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। इसके अतिरिक्त झूठी शिकायत करने वाले एवं निर्दोष व्यक्तियों को झूठा फँसाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध अभियोजन अधिकारियों को माननीय न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के स्पष्ट निर्देश दिये गये। इस महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त संचालक अभियोजन दुर्ग एस.एस. ध्रुव , उप संचालक दुर्ग सुनील चौरसिया , उप संचालक बालोद प्रेमेंद्र बैसवाड़े , उप संचालक बेमेतरा श्रीमती कंचन पाटिल , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्रीमती पद्मश्री तंवर , अति. पुलिस अधीक्षक बेमेतरा श्रीमती ज्योति सिंह , अति. पुलिस अधीक्षक बालोद श्रीमती मोनिका ठाकुर , उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती शिल्पा साहू , उप निरीक्षक राजकुमार प्रधान , डाटा एंट्री ऑपरेटर श्रीमती तेजस्वी गौतम एवं पुलिस पी.आर.ओ. प्रशांत कुमार शुक्ला उपस्थित रहे।
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