ग्राम जेराभरन में राशन वितरण में 159.4 क्विंटल चावल की कमी, एसडीएम ने दिए पूर्ति के आदेश
पिथौरा, 13 जून 2025: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम जेराभरन में उचित मूल्य की दुकान में तीन माह के चावल वितरण न होने की शिकायत को लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने आज अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) को आवेदन सौंपा। ग्रामीणों ने समिति प्रबंधक और सेल्समैन विमल माझी पर 158 क्विंटल चावल के गबन का गंभीर आरोप लगाया।
इस मामले में एसडीएम ओंकारेश्वर सिंह ने संज्ञान लेते हुए जांच के बाद 159.4 क्विंटल चावल की कमी पाए जाने की पुष्टि की और आज शाम तक कमी की पूर्ति करने के आदेश दिए हैं।
ग्रामीणों की शिकायत गंभीर:
ग्राम जेराभरन के निवासियों ने अपने आवेदन में बताया कि उचित मूल्य की दुकान के समिति प्रबंधक ने जून, जुलाई, और अगस्त 2025 के लिए शासन द्वारा निर्धारित चावल का वितरण नहीं किया। प्रबंधक ने चावल की कमी का हवाला देते हुए दावा किया कि सेल्समैन विमल माझी द्वारा 158 क्विंटल चावल का गबन किया गया, जिसके कारण वितरण में व्यवधान हुआ। ग्रामीणों ने इस अनियमितता की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
एसडीएम का बयान
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एसडीएम ओंकारेश्वर सिंह ने कहा, "जेराभरन ग्राम के ग्रामीणों द्वारा 159 क्विंटल खाद्य सामग्री की कमी की शिकायत की गई थी। खाद्य अधिकारी की जांच के दौरान 159.4 क्विंटल चावल कम पाया गया। हमने समिति प्रबंधक को आज शाम तक इस कमी की पूर्ति करने के आदेश दिए हैं। यदि पूर्ति नहीं होती, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।" एसडीएम के इस बयान से ग्रामीणों को त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जगी है, हालांकि वे दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।
शासन के आदेश और राशन वितरण की स्थिति:
छत्तीसगढ़ शासन ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, छत्तीसगढ़ खाद्य और पोषण सुरक्षा अधिनियम, तथा मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के तहत राशनकार्डधारी परिवारों को जून से अगस्त 2025 तक तीन माह का चावल वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आदेश के अनुसार, सभी उचित मूल्य की दुकानों को 30 जून 2025 तक चावल वितरण पूरा करना है, जिसमें निगरानी समिति की मौजूदगी में पारदर्शी वितरण अनिवार्य है। इसके अलावा, शक्कर, नमक, और चना का वितरण भी नागरिक आपूर्ति निगम के स्टॉक के आधार पर प्रत्येक माह अलग-अलग आबंटन के अनुसार होना है।जेराभरन में 159.4 क्विंटल चावल की कमी का मामला शासन के इन निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है। ग्रामीणों का आरोप है कि समिति प्रबंधक और सेल्समैन की मिलीभगत से चावल का गबन हुआ, जिसकी जवाबदेही प्रशासन को तय करनी होगी।इधर भले ही एसडीएम ने त्वरित जांच और पूर्ति के आदेश दिए हैं, लेकिन यह मामला महासमुंद जिले में प्रशासन की पहले से चली आ रही निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के आरोपों को फिर से उजागर करता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर निगरानी की जाती, तो इतनी बड़ी मात्रा में चावल की कमी सामने नहीं आती। वे इस मामले में उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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