चुनाव से पहले किया था 'धूल मुक्त तिल्दा नेवरा' का वादा, अब सड़कों से उड़ती धूल बनी जनता की मुसीबत
तिल्दा नेवरा > नगर की सड़कों की हालत आज भी जस की तस बनी हुई है। टूटी-फूटी, गड्ढों से भरी सड़कें और हर ओर उड़ती धूल की गुब्बारे ने आम नागरिकों की ज़िंदगी मुश्किल कर दी है। सबसे बड़ी बात यह है कि चुनावों से पहले नेताओं द्वारा "धूल मुक्त तिल्दा नेवरा" का वादा किया गया था, मगर अब वह वादा केवल भाषणों तक सीमित रह गया है।
नगर के कई वार्डों में सड़कें महीनों से उखड़ी पड़ी हैं। वाहन जैसे ही गुजरते हैं, धूल का गुबार उठता है जिससे राहगीरों का चलना दूभर हो जाता है। यह धूल बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए गंभीर खतरा बन गई है।तिल्दा नेवरा में सबसे ज्यादा धूल मुख्य मार्गो पर है इस मुख्य मार्ग में नगर पालिका, तहसील कार्यालय, अनु विभागीय कार्यालय इस मुख्य मार्ग में है । इन अधिकारियों को तिल्दा नेवरा की धूल नजर आती ही नहीं है । क्योंकि वह अपने लग्जरी गाड़ियों से गुजरते हैं । भुगतना तो आम नागरिकों को पड़ता है अब कहां गए वे लोग जो कहते थे कि तिल्दा नेवरा के विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है । लाखों रुपए सफाई व्यवस्था पर खर्च करने वाली नगर पालिका सासहोली ओवर ब्रिज से साई धाम रोड तक एवं दीनदयाल चौक से लेकर नेवरा हाई स्कूल तक धूल की एक मोटी परत जमी हुई है ना नियमित झाड़ू लगाता है और न हीं जल छिड़काव होती है । अगर शहर की सफाई व्यवस्था को देखना है तो जब कभी कोई नेता आए तभी सफाई व्यवस्था नजर आती है
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि चुनाव के समय नेता हर गली में घूमते थे, वादे करते थे कि "तिल्दा नेवरा को स्मार्ट और धूल मुक्त बनाया जाएगा", लेकिन अब कोई सुनवाई नहीं हो रही।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेताया है कि सड़कों से उठती धूल में मौजूद सूक्ष्म कण (PM10 और PM2.5) वायु प्रदूषण को खतरनाक स्तर तक पहुँचा रहे हैं, जो श्वसन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं।
जनता की मांग है कि वादों को निभाते हुए नगर पालिका तुरंत सड़कों की मरम्मत कराए और नियमित जल छिड़काव की व्यवस्था करे। CNI News Tilda Neora से अजय नेताम
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