पखांजूर/कांकेर से CNI NEWS शंकर सरकार की रिपोर्ट। मो-6268535584
पखांजूर : जर्जर भवन खुला आसमान के नीचे शिक्षा प्राप्त करने मजबूर, ढोरकट्टा प्राथमिक शाला में बच्चों का भविष्य खतरे में।
कोयलीबेड़ा ब्लॉक अंतर्गत स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय ढोरकट्टा की भयावह स्थिति ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहाँ के मासूम बच्चे जर्जर और खस्ताहाल भवन के कारण खुले आसमान के नीचे शिक्षा ग्रहण करने पर मजबूर हैं, जिससे उनका भविष्य और स्वास्थ्य दोनों गंभीर खतरे में हैं।
जर्जर भवन बनी मजबूरी, खुले में पढ़ाई
ढोरकट्टा प्राथमिक विद्यालय का भवन इतना दयनीय हो चुका है कि यह कभी भी गिर सकता है। छत की दीवारें और फर्श पूरी तरह टूट चुके हैं। भवन की यह ख़स्ताहालत बच्चों को कक्षा के अंदर बैठने की इजाज़त नहीं देती, जिसके कारण उन्हें हर दिन बाहर खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है।
मौसम की मार: धूप हो, बारिश हो या कड़ाके की ठंड, इन मासूमों को मजबूरी में प्रकृति की मार झेलते हुए ज्ञान अर्जित करना पड़ता है।
जर्जर ढाँचा हर पल बच्चों के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है,
स्कूल में खाना बनाने के लिए भी कोई सुरक्षित स्थान नहीं है, जो मासूम बच्चों के स्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ है।
सबसे चिंतनीय विषय यह है कि यहाँ शौचालय तक की सुविधा नहीं है, जिसके कारण बच्चों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। 'स्वच्छ भारत मिशन' जैसी सरकारी योजनाओं का ज़मीनी क्रियान्वयन यहाँ शून्य दिखाई देता है।
ढोरकट्टा प्राथमिक विद्यालय की यह स्थिति स्पष्ट करती है कि यहाँ बच्चों के मौलिक अधिकारों का घोर हनन हो रहा है। बच्चों के खुले में पढ़ने की मजबूरी और मूलभूत सुविधाओं का अभाव, प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर करता है।
यह प्राथमिक विद्यालय आज तत्काल नए और सुरक्षित भवन की स्वीकृति की मांग कर रहा है, ताकि गाँव के बच्चों को सम्मानजनक और सुरक्षित माहौल में शिक्षा मिल सके। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को इस गंभीर मसले को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी कोयलीबेड़ा देव कुमार शील से बात करने पर उन्होंने बताया ढोरकट्टा
प्राथमिक विद्यालय भवन को डिस्मेंटल करने का आदेश प्राप्त हो चुका है बहुत ही जल्द नए भवन स्वीकृत हो जाएगा।


















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