80 प्रतिशत आदिवासी ग्राम पंचायतों में चना नहीं मिल रहा “साय-साय”
जिला पंचायत सदस्य मोक्ष प्रधान ने लगाए गंभीर आरोप
कुंजराम यादव बसना रिपोर्टर
बसना। जिला महासमुन्द के अधिकांश आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों में शासन की महत्वाकांक्षी “साय-साय” योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस नेता मोक्ष प्रधान ने वर्तमान भारतीय जनता पार्टी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कड़ी निंदा की है।
मोक्ष प्रधान ने कहा कि जिले की लगभग 80 प्रतिशत आदिवासी ग्राम पंचायतों में साय-साय योजना पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। योजना के अंतर्गत मिलने वाली आवश्यक सामग्री और सुविधाएं समय पर ग्रामीणों तक नहीं पहुंच रही हैं, जिससे गरीब और आदिवासी परिवारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के तथाकथित “सुशासन” में पिछले लगभग तीन महीनों से खाद्यान्न विभाग द्वारा चना का वितरण नहीं किया गया है। इससे सरकारी राशन पर निर्भर हजारों परिवारों की स्थिति दयनीय हो गई है। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के पोषण पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।
मोक्ष प्रधान ने आरोप लगाया कि सरकार केवल कागजों में योजनाएं चला रही है, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। आदिवासी क्षेत्रों की लगातार अनदेखी की जा रही है और अधिकारियों की लापरवाही के कारण योजनाएं धरातल पर विफल हो रही हैं।उन्होंने प्रशासन से मांग की कि साय-साय योजना की तत्काल समीक्षा की जाए,खाद्यान्न वितरण में हो रही लापरवाही पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए,तथा सभी पात्र हितग्राहियों को शीघ्र चना एवं अन्य राशन सामग्री उपलब्ध कराई जाए।
अंत में उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो कांग्रेस पार्टी और जनप्रतिनिधि आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।


















No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.