लोकसेवा आयोग मे चयनित विद्याभारती संस्थान के पूर्व छात्रों का हुआ सम्मान
रायपुर
विद्या भारती द्वारा पूरे भारत में सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से विद्यालय संचालित किया जाता है। जिसमें अरुण से द्वादश कक्षा तक अर्थात केजी 1 से 12वीं तक की शिक्षा दी जाती है, जो कि पूरे छत्तीसगढ़ के भी प्रत्येक जिलों में यह संस्था संचालित है।
जिसमें से विभिन्न विद्यालयों के 22 पूर्व छात्र जिनका चयन सन 2024 छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में हुआ, जिनका सम्मान समारोह का आयोजन गत दिवस 7 दिसंबर दिन रविवार को सरस्वती शिक्षा संस्थान रोहिणीपुरम, रायपुर में किया गया।
उक्त कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के तौर पर श्री अवधेश त्रिवेदी जी (वरिष्ठ मंडल वाणिज्य अधिकारी , द. पू. म. रेल्वे ) एवं मुख्य वक्ता : डॉ. श्री देव नारायण साहू जी ( प्रांतीय संगठन मंत्री , विद्या भारती छ. ग. ) ने चयनित पूर्व छात्रों को संबोधित किया एवं मार्गदर्शन प्रदान किया। वहीं लोक सेवा आयोग में चयनित पूर्व छात्रों ने भी अपना अनुभव कथन कहा। जिसमें विद्या भारती के संस्कार और अनुशासन की खूब सराहना करते हुए कहा कि यहां के अनुशासन की वजह से ही आज हम सब इस मुकाम पर पहुंच आए हैं और यहां के संस्कार हमें बाकी लोगों से अलग बनाते हैं। सरस्वती शिशु मंदिर में अध्ययन किए हुए समस्त छात्रों की एक विशिष्टता यह होती है कि इनमें देश प्रेम की भावना सबसे ज्यादा होती है, विद्यालय में बचपन से ही देश प्रेम की भावना बच्चों में रोपी जाती है तथा बड़े ही काव्यात्मक रूप से कहा कि "हम भले ही यहां के संस्कारों को छोड़ दें लेकिन विद्यालय के संस्कार हमें कभी नहीं छोड़ेंगे"। सभी ने कृतज्ञता ज्ञापित किये विद्यालय से निकलने के बाद भी संस्था ने हमे नहीं भुलाया और एक उचित मंच देकर हमारा सम्मान किया।
सम्मान समारोह कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि श्री जुड़ावन सिंह ठाकुर जी (क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, विद्या भारती मध्य क्षेत्र ) एवं मुख्य वक्ता श्री अभय कुंभकार जी (प्रांत प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ छ.ग.) तथा विशिष्ट अतिथि: डॉ. श्री गौरव सिंह जी ( कलेक्टर, रायपुर छ.ग.) का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ । गौरव सिंह जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैं भी सरस्वती शिशु मंदिर का ही छात्र हूं और कभी हिंदी में बात करने में मैने हीनता का बोध नहीं किया , मैंने अंग्रेजी में भी पढ़ाई की है मुझे अंग्रेजी आती है फिर भी मैंने पीएससी की परीक्षा में अपनी भाषा हिंदी को ही चुना और साक्षात्कार में भी मैं हिंदी का ही चयन किया। आजकल के नवयुवक दिखावे के चक्कर में अपनी मातृभाषा को छोड़कर अंग्रेजी को मॉडर्न समझने की गलती कर बैठते हैं मै सभी चयनित पूर्व छात्रों को भी यही मार्गदर्शन देना चाहता हूं कि आप जिस भी क्षेत्र में जाए उस क्षेत्र में विद्यालय के संस्कार दिखाना चाहिए क्योंकि आम नागरिकों की शिकायत होती है कि प्रशासनिक अधिकारियों का बात करने का लहजा अच्छा नहीं होता लेकिन सरस्वती शिशु मंदिर के संस्कार ही हैं जो आपको बाकी सहकर्मियों से अलग बनाएंगे और समाज में आपको अलग पहचान दिलाएंगे।
सभी अतिथियों ने सेवा भाव के साथ और स्पष्ट रूप से कार्य करने की आवश्यकता को बताया कि राज्य और देश को आगे बढ़ाने के लिए संवेदनशील प्रशासनिक दायित्व का बोध हर पल होता रहे। दोपहर में माननीय शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव जी के निज निवास में सभी चयनित प्रशासनिक पर्व छात्रों का परिचय कार्यक्रम भोज हुआ पश्चात् शाम में लोक भवन में माननीय राज्यपाल महोदय से भी आशीर्वाद कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम पूर्व छात्र परिषद छत्तीसगढ़ द्वारा ही आयोजित किया गया था, जिसमें प्रांत संयोजक श्री परिचय मिश्रा, श्री राम भरोसा सोनी जी (प्रांतीय अध्यक्ष विद्या भारती छ.ग.), श्री लक्ष्मण राव मगर जी (प्रांतीय सचिव विद्या भारती छ.ग.), श्री चंद्रकिशोर श्रीवास्तव ,सचिव वनांचल शिक्षा सेवा न्यास छत्तीसगढ़,डॉ रवि शांडिल्य, नीरज जैन आलोक पांडे, अंकुर ठाकुर, लोमश देवांगन प्रांतीय पूर्व छात्र परिषद टोली के सदस्य एवं अन्य पूर्व छात्र तथा विद्यालय परिवार उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दिवाकर स्वर्णकार प्रांत प्रमुख,पूर्व छात्र परिषद एवं आभार गौरी शंकर कटकवार प्रांत प्रमुख विद्याभारती छत्तीसगढ़ प्रांत के द्वारा किया गया।




















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