संकष्ट चतुर्थी व्रत आज-इस दिन चंद्रोदय के समय भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि आती है।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
संकष्टी चतुर्थी -7 दिसंबर, 2025 को संकष्टी चतुर्थी इस महीने की महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन व्रत रखने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि साधक इस दिन शिवलिंग पर कुछ विशेष वस्तुएं अर्पित करें, तो भगवान शिव और गणेश दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
संकष्टी चतुर्थी
हिन्दू पंचांग के अनुसार, पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 7 दिसंबर 2025 को शाम 6 बजकर 24 मिनट पर होगा। यह तिथि 8 दिसंबर 2025 को शाम 4 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। तिथि को देखते हुए इस बार पौष महीने की संकष्टी चतुर्थी का व्रत 7 दिसंबर, 2025 को रखा जाएगा।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व-
संकष्टी चतुर्थी हर महीने आती है और इसे व्रत का शुभ अवसर माना जाता है। पौष महीने में आने वाली चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ कम होती हैं और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
शिवलिंग पर चढ़ाने योग्य 5 प्रमुख चीजें-
1. बिल्व पत्र और दूर्वा
बिल्व पत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं, जबकि दूर्वा भगवान गणेश को। इन दोनों का एक साथ शिवलिंग पर अर्पण करने से दोनों देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। यह उपाय जीवन की कठिनाइयों को दूर करने में मदद करता है।
2. शहद मिश्रित जल
शिवलिंग का अभिषेक शहद और जल से करने से जीवन में मिठास और शांति आती है। तांबे के पात्र में शुद्ध जल, थोड़ा सा शहद और गंगाजल मिलाकर अभिषेक करने से रोग दूर होते हैं।
3. काले तिल
चतुर्थी और पौष महीने में काले तिल का विशेष महत्व है। तिल का दान और शिवलिंग पर चढ़ाना शनि दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाता है।
4. कच्चा दूध
कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक मानसिक शांति और सुख-समृद्धि प्रदान करता है। अभिषेक के समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
5. गुड़
शिवलिंग पर गुड़ अर्पित करने या गुड़ मिश्रित जल से अभिषेक करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और व्यापार में उन्नति मिलती है।
कैसे करें व्रत-
संकष्टी व्रत के दौरान दिनभर हल्का आहार या उपवास रखकर भगवान गणेश और शिव की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर उपरोक्त पांच चीजों का समर्पण करना और मंत्र जाप करना शुभ फल देता है।


















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