जशपुर नगर : कोरोना संक्रमण के खतरे के लिहाज से प्रदेश के ग्रीन जोन में शामिल जशपुर जिला में कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला उजागर होने से प्रशासनिक महकमे में हडकंप है। स्वास्थ्य विभाग की टीम सीएमएचओ पी.सुथार के नेतृत्व में पत्थलगांव में डेरा डाले हुए है। संक्रमित व्यक्ति को राजनांदगांव जिले के बाघ नदी शिविर से 14 अप्रैल को जशपुर लाया गया था। इस दौरान इन मजदूरों की रूटीन स्वास्थ्य जांच की गई थी। इस दौरान इनमें किसी प्रकार का लक्षण ना पाए जाने से कोरोना परीक्षण नहीं किया गया था।
सूरजपुर में राजनांदगांव से आए इन्हीं मजदूरों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने जिले के अलग-अलग 6 शिविरों में रखे गए 142 मजदूरों का परीक्षण शुरू किया था।
रैपिड टेस्ट कीट से किए गए इस परीक्षण के दौरान पत्थलगांव के लुड़ेग तहसील में रखे गए 34 मजदूरों में से एक का रिपोर्ट पॉजिटिव आया है। संक्रमित मजदूर बिहार के गया जिले का निवासी है।
वह अपने साथियों के साथ महाराष्ट्र के नागपुर जिले में चल रहे सड़क निर्माण कार्य में मजदूरी करने गया हुआ था। 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किए जाने के एक सप्ताह बाद नागपुर से बडी संख्या में मजदूर चोरी छिपे बिहार अपने घर जाने के लिए निकले थे। इन्हें महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा में राजनांदगांव के बाघ नदी में पुलिस और प्रशासन ने रोक कर बाघ नदी के कोरंटाइन सेंटर में सुरक्षित किया था।
14 दिन का कोरंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद इनमें से 142 मजदूरों को जशपुर भेज दिया गया था। इन मजदूरों को जिला प्रशासन ने लोदाम,आरा, कुनकुरी, बगीचा और लुड़ेग के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है।
सूरजपुर जिले में मामला उजागर होने के बाद इन सभी क्वारंटाइन सेंटरों में रैपिड टेस्ट कीट के माध्यम से सभी मजदूरों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। पॉजिटिव पाए गए मजदूर को रायपुर के एम्स भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। जिले के इस पहले कोरोना पॉजिटिव मामले की पुष्टि जिले के सीएमएचओ पी सुथार ने की है।
ड्यूटी करने वाले कर्मचारी भी जांच के रडार में
लुड़ेग प्रकरण के बाद जिले के सभी क्वारंटाइन सेंटर में तैनात किए गए सुरक्षाकर्मी सहित सभी कर्मचारियों का रेपिड टेस्ट कीट के माध्यम से जांच किया जा रहा है। इस प्रकरण से पूरे प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। अब तक प्रदेश के ग्रीन जोन में शामिल रहे इस जिले के रेड जोन में आने के साथ हॉट स्पॉट बनने का खतरा भी मंडरा रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों की चिंता अब इस बात को लेकर बढ़ रही है कि मजदूर को कोरोना का संक्रमण हुआ कहां से, राजनांदगांव से जशपुर आने के बीच यह मरीज किसके- किसके संपर्क में आया। मामले का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि रैपिड टेस्ट से पहले संक्रमित मजदूर के शरीर में कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया गया था। इस साइलेंट कैरियर ने पूरे प्रदेश में कोरोना से संघर्ष के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए लोगों की नींद उड़ा दी है।
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