डोंगरगढ महेन्द्र शर्मा बंटी : हिंदू पंचांग के मुताबिक 22 मई 2020 को विशेष संयोग बन रहा है हिंदू धर्म के मुताबिक वट सावित्री व्रत जेठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को संपन्न किया जाता है ।इस साल यह व्रत लॉक डाउन के बीच 22 मई को मनाया जा रहा है धर्मनगरी डोंगरगढ की महिलाओं ने रणचण्डी मंदिर के सामने विधि विधान के साथ सामाजिक दूरी बनाकर एवं नियम का पालन कर वट सावित्री का पर्व मनाया, तथा व्रत रखने वाली महिलाओं ने श्रद्धा पूर्वक पति की दीर्घायु के लिए कामना की, हिंदू धर्म में इस व्रत का खास महत्व है । लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि इस दिन सावित्री ने अपने कठिन तप के बल से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण की रक्षा की थी ।
वट सावित्री की पूजा महिलाओं ने विधि विधान के साथ की वट वृक्ष के नीचे महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा की तथा ब्रिज के जड़ में जल चढ़ाया एवं एवं आरती की पूजा के दौरान ही महिलाओं ने पूजा के लिए जल मौली रोला कच्चा सूत तथा चना फूल धूप एवं जल से वटवृक्ष को सींचकर चारों ओर कच्चा धागा लपेटकर परिक्रमा की तत्पश्चात सत्यवान सावित्री की कथा सुनी गई तथा भीगे हुए चने का बायना निकाला गया। कोरोनावायरस संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है महिलाओं ने लॉक डाउन के बीच नियमों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाकर वट सावित्री का व्रत रखकर नगर के रणचंडी मंदिर के पास वट वृक्ष के नीचे ब्रह्मा विष्णु और महेश की पूजा अर्चना की तथा वट पूजा के माध्यम से पति की लंबी आयु की कामना की नगर की सुहागिन महिलाओं ने आज सुबह से ही वट व्रक्ष के नीचे वट पूजा के माध्यम से मनोकामनाओ को पूर्ण करने के लिए भगवान की आराधना की एवं संक्रमण काल के बीच लॉक डाउन नियमों का पालन भी किया।
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