
राजनांदगांव (जावेद) : शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी अंतर्गत आदर्श गौठान राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम मोखला में पशुओं की चारा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए किसानों द्वारा पैरा दान किया गया है। उप संचालक कृषि जीएस धु्रर्वे द्वारा पैरादान कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए जिला स्तर पर मानिटरिंग टीम गठित कर गौठान ग्रामों में पैरा व्यवस्था सुनिश्चित करने समस्त कृषि अमलों को निर्देशित किया गया है। कृषि विभाग राजनांदगांव द्वारा राउण्ड स्ट्रा बेलर मशीन के माध्यम से पैरा एकत्र कर गठ्ठा बनाने का जीवंत प्रदर्शनी कर किया गया। जिसे देखने के लिये बहुत संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थेे। बेलर मशीन द्वारा 1 घण्टे में एक एकड़ खेत का पैरा एकत्र किया जा सकता है। बेलर से 18-20 किलो गठ्ठा तैयार होता है। 1 एकड़ में 35 से 40 गठ्ठा तैयार होते है। किसानों द्वारा बेलर मशीन की कुशलता को देखकर काफी उत्साह देखा गया है। सभी किसान अपने खेत में बेलर मशीन से पैरा एकत्र कर गौठान में पैरादान करने के लिए सहमति जताई। पैरादान कार्यक्रम में ग्राम जंगलेशर के किसान विरेन्द्र साहू महासिंग, सखा राम, बलेश्वर, डिगेश्वर द्वारा पैरादान किया गया।

जिनके 10 हेक्टेयर खेतों से 1320 नग पैरे का बेल बेलर मशीन से 145.20 क्विंटल पैरा एकत्र कर गौठान में दान किया। वर्तमान जिले में कृषि अभियांत्रिकी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दो बेलर मशीन संचालित की जा रही है। समस्त आदर्श गौठान में बेलर मशीन का जीवंत प्रदर्शन एवं पैरादान किया जाएगा। पैरादान का यह द्वितीय चरण है, जिसमें कृषक बहुत ही उत्साह से अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे है और बेलर मशीन के प्रति बहुत ही सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाते हुए पैरा नहीं जलाने के लिए प्रतिबद्ध हुए एवं स्वयं ही पैरा जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में अन्य कृषकों को जागरूक करे रहें है। पैरादान कार्यक्रम उचित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए आयोजित किया गया है। ग्राम जंगलेशर, मोखला, मुड़पार के कृषकगण के साथ-साथ वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी राजनांदगांव श्री ओ.पी. सिंह, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्रीमती रजनी सोनटेके, श्री याजवेन्द्र कटरे, बी.टी.एम. श्री सुरेन्द्र मधुकर, कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं ग्रामीण जन उपस्थित हुए । साथ ही आदर्श गौठान ग्राम में महिला कृषकों समूह को बीज उत्पादन कार्यक्रम से जुडऩे एवं खेत में मेड़ों पर अरहर आदि दलहनी, तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने की सलाह दी गई। साथ ही मृदा स्वास्थ्य के लिए मृदा नमूना एकत्र करने के लिए सही तरीके का जीवंत प्रदर्शनी किया गया है एवं कृषकों को मृदा कार्ड में अनुशंसित मात्रा अनुसार उर्वरक उपयोग की सलाह दी गई। मृदा तथा फसल प्रदर्शन के लाभ लेने हेतु वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई।
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