गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कोरोना के बढ़ते मामले पर भाजपा की ओर से लगातार सवाल खड़े करने पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के लॉकडाउन के घोषणा के पहले मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा छत्तीसगढ़ में की थी. छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसने सख्ती से कदम उठाया. उसका परिणाम भी सार्थक रहा. प्रवासी मजदूरों के आने से पहले संख्या 10 तक ही पहुंची थी. भाजपा को पीएम मोदी से प्रदेश में कोरोना को लेकर अधिक से अधिक सुविधाएं और पैकेज उपलब्ध कराने की मांग करना चाहिए. 20 लाख करोड़ के हवाई फायर का कोई फायदा नहीं हुआ.
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*लॉकडाउन से रुकेगी संक्रमण की रफ्तार*
उन्होंने कहा कि एम्स की तरह हमारे जिला अस्पतालों में सुविधाओं के लिए भी कोई पैकेज दे या दवाई और दूसरे संसाधन ही दे दें. लॉकडाउन लगाने से संक्रमण का चक्र रुकता है, यह सभी जानते है. रायपुर में अचानक जो संख्या बढ़ा है, लॉकडाउन से इसमें रोक लगेगा, इसलिए लॉकडाउन आवश्यक है. कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वो जिले में देखे की संक्रमण कहाँ बढ़ रहा है. पूरे प्रदेश के लिए एक नियम लागू नहीं है.
*ऑपरेशन से बैखलाए नक्सली*
बस्तर में कई नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों की ओर से पर्चे फेंके जाने और हाल की घटनाओं पर गृह मंत्री ने कहा कि सरकार के कामकाज और ऑपरेशन से नक्सलियों में भय है और जनता भी जागरूक हुई है. इसीलिए नक्सली बौखलाहट में है. डेढ़ वर्षो में सर्वाधिक नक्सली मारे गए है. काफी नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इसके कारण नक्सलियों में भय है, वो चाहते है कि ऐसा न हो. रोक लगाने के दृष्टिकोण से भय का वातावरण बनाने के लिए ऐसा प्रयास कर रहे है. वहां की जनता अब जागरुक हो चुकी है. अंदर तक हम घुस रहे है.
*पुलिस विभाग ने दी सर्वाधिक ड्यूटी*
प्रदेश में पुलिसकर्मियों के लगातार संक्रमित होने पर गृहमंत्री साहू ने कहा जब लॉकडाउन शुरू हुआ था, तब पुलिस विभाग को सर्वाधिक ड्यूटी देनी पड़ी. इसलिए संक्रमण आया है. इसका इलाज सिर्फ सावधानी है. सावधानी बरती जा रही है.
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस लाइन में रक्तचंदन पौधा लगाने के बाद कहा कि पुलिस लाइन में एक छोटा सा वृक्षारोपण का कार्यक्रम रखा गया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर त्रिस्तरीय कार्यकम रखा गया. इसलिए खुद एक फलदार वृक्ष लगाया गया. इसी परिप्रेक्ष्य में पूरे प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर इस तरह के कार्यक्रम किए जा रहे है. इस दौरान महापौर एजाज ढेबर, आईजी आनंद छाबड़ा और एसएसपी अजय यादव मौजूद रहे.
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