अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर -- आज प्रदेश भर में माताओं ने अपनी संतान की दीर्घायु और उन्नति के लिये व्रत रखकर हलषष्ठी माता की विधि विधानपूर्वक पूजा अर्चना की। शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न जगहों पर विवाहित महिलाओं के द्वारा सामूहिक रूप से हलषष्ठी का पर्व मनाया गया। इस दौरान मुहल्ला व देवालयों में सगरी बनाकर उसमें जल भरकर चारो ओर काशी के फूल व कुछ पौधे भी लगाया गया था। शिव परिवार के प्रतिमाओं के साथ हलषष्ठी महारानी सहित सभी देवी देवताओं का भक्तिभाव से विधि विधानपूर्वक पूजन अर्चन किया गया। माताओं ने पूरे विधि विधानपूर्वक पूजा अर्चना की। पूजन के पश्चात बच्चों को चूही या चंदन की रूई या कपड़े से पोतनी मारकर आशीर्वाद दिया। पसहर चाँवल पलास के पत्ते में खाकर व्रत का समापन किया। पूजन में भैंस के दूध , भैंस के दूध से बनी दधी , घी व भैंस के गोबर का प्रयोग किया गया। आज कई जगह ब्राह्मणों ने पूजा संपन्न करायी तो कई जगह महिलाओं ने खुद झुँड बनाकर पूजन अर्चन कर जल तर्पण किया और कथा सुनी।
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