गरीबों - किसानों का मुआवजा ,अवैध उत्खनन मामला , कोरोना जांँच के उपचार की व्यवस्था समेत तमाम मुद्दों पर हंगामा हो सकता है। इस बार की मानसून सत्र हंगामेदार रहेगी क्योंकि विपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरने के लिये आक्रामक रणनीति तैयार की है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि इस मानसून सत्र में चर्चा के लिये जनहित के मुद्दे ज्यादा हैं , विपक्ष का प्रयास होगा कि आवश्यक मुद्दे ही उठाये जायें। उन्होंने मानसून सत्र में दिनों की बढ़ोत्तरी के बजाये उसमें कटौती करना दुर्भाग्यजनक बताया है। गौरतलब है कि चार दिवसीय इस सत्र के दौरान कोरोना वायरस से विधायकों और सदन के सदस्यों को बचाने के लिये विधानसभा के मुख्यद्वार पर स्क्रीनिंग के साथ-साथ सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था सहित सुरक्षित रूप से सत्र के संचालन के लिये पूरी रणनीति तैयार की गई है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस सत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। केवल प्रश्नकर्ता और जवाब देने वाले विधायकों को ही सदन की कार्यवाही में शामिल होने दिया जा रहा है। यहाँ तक इस बार मीडिया को भी प्रवेश करने की अनुमति नही दी जा रही है।
गरीबों - किसानों का मुआवजा ,अवैध उत्खनन मामला , कोरोना जांँच के उपचार की व्यवस्था समेत तमाम मुद्दों पर हंगामा हो सकता है। इस बार की मानसून सत्र हंगामेदार रहेगी क्योंकि विपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरने के लिये आक्रामक रणनीति तैयार की है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि इस मानसून सत्र में चर्चा के लिये जनहित के मुद्दे ज्यादा हैं , विपक्ष का प्रयास होगा कि आवश्यक मुद्दे ही उठाये जायें। उन्होंने मानसून सत्र में दिनों की बढ़ोत्तरी के बजाये उसमें कटौती करना दुर्भाग्यजनक बताया है। गौरतलब है कि चार दिवसीय इस सत्र के दौरान कोरोना वायरस से विधायकों और सदन के सदस्यों को बचाने के लिये विधानसभा के मुख्यद्वार पर स्क्रीनिंग के साथ-साथ सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था सहित सुरक्षित रूप से सत्र के संचालन के लिये पूरी रणनीति तैयार की गई है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस सत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। केवल प्रश्नकर्ता और जवाब देने वाले विधायकों को ही सदन की कार्यवाही में शामिल होने दिया जा रहा है। यहाँ तक इस बार मीडिया को भी प्रवेश करने की अनुमति नही दी जा रही है।
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