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Monday, August 24, 2020

सनातन विधा से विमुखता घातक होगी --- पुरी शंकराचार्य


अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

जगन्नाथपुरी -- ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाभाग निरन्तर शासक वर्ग को सचेत करते रहते हैं कि इस राकेट , कम्प्यूटर , एटम एवं मोबाइल के युग में भी वेद में निहित ज्ञान विज्ञान आज भी वैज्ञानिक, दार्शनिक एवं व्यावहारिक धरातल पर पूर्णतया प्रासंगिक है । अतः वेदादि शास्त्रों के पुरोधा मान्य आचार्यों के मार्गदर्शन के बिना देश में किसी भी लौकिक पारलौकिक अभियान की सफलता दिवास्वप्न ही साबित होगी । जगद्गुरु संदेश श्रृंखला के अंतर्गत प्रेषित नवीनतम संदेश में प्रेषित किया है --क्या आप दूरदर्शी हैं ; शीर्षक से पुरी शंकराचार्य जी सचेत करते हैं - माना कि विविध प्रान्तों में तथा केन्द्र में आपका शासन है। पूरे देशमें अन्य राजनैतिक दल भी चर्चित सन्दर्भ में आपके प्रशंसक हैं। यहाँ तक कि विश्वस्तरपर भी आप तदर्थ प्रशंसा के पात्र हैं। परन्तु विचारणीय विषय यह है कि काम-राग-समन्वित बलको प्रबल मानकर सनातन देवी देवताओं की समर्चा तथा प्रतिष्ठा की सनातन विधा के विध्वंस में आपकी प्रीति तथा प्रवृत्ति प्रशंसकों के सहित आपके लिये तथा देश और विदेश के लिये क्या सुमङ्गल सिद्ध होगी? ध्यान रखिये , जिस सनातन सिद्धान्त के अनुसार जगत् की उत्पत्ति, स्थिति, संहृति सम्भव है ; उससे खिलवाड़ सर्वथा अमङ्गल ही है। बन सके तो आप मुझ हितैषी और हितज्ञ की बात पर अवश्य ध्यान दें।

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