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Thursday, September 10, 2020

फ्राँसीसी रक्षामंत्री की मौजूदगी में राफेल हुआ वायुसेना में शामिल



अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

अम्बाला -- अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही भारतीय वायुसेना के लिये आज का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा। दुनियाँ में  अत्याधुनिक बहुचर्चित पाँच राफेल लड़ाकू विमान आज आधिकारिक रूप से अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में वायु सेना के १७ वें स्क्वाड्रन "गोल्डन एरो" में शामिल होकर वायुसेना की शान बन गये। केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथसिंह ,फ्राँसीसी रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली , प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर० के० एस० भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, रक्षा विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी के साथ रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी भारतीय वायुसेना के इतिहास में दर्ज होने वाली इस बड़ी घटना के अवसर पर उपस्थित रहे। इस अवसर पर फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व भारत में फ्रांँस के राजदूत इमैनुएल लेनिन, वायु सेना प्रमुख एरिक ऑटेलेट, फ्रांसीसी वायु सेना के उप प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया। इसके पहले फ्राँसीसी रक्षामंत्री को भारत आगमन पालम हवाईअड्डे  पर गार्ड आफ आनर दिया गया।  अंबाला नौसैनिक अड्डे में राफेल विमान का औपचारिक अनावरण पारंपरिक रूप से आयोजित सर्वधर्म पूजा के साथ किया गया। इस मौके पर राफेल विमान हवाई करतब दिखाये जिसमें तेजस विमान के साथ सारंग एयरोबेटिक टीम भी शामिल थी। इसके बाद में, राफेल विमान को पारंपरिक तरीके से वाटर कैनन की सलामी दी गयी। भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये 59,000 करोड़ रुपये की लागत से हुये समझौते के करीब चार साल बाद 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत पहुंँचा था। अब तक भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है जिनमें से पांँच अभी फ्रांस में ही हैं , जिन पर भारतीय वायुसेना के पायलट प्रशिक्षण ले रहे हैं। सभी 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है।प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, रक्षा विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी के साथ रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी भारतीय वायुसेना के इतिहास में दर्ज होने वाली इस बड़ी घटना के अवसर पर उपस्थित रहे।

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