मुंगेली छत्तीसगढ़
खबर है मुंगेली जिला के ग्राम पंचायत स्थित स्कूल शिशु भारतीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीजातराई के प्राइवेट स्कूल का जहां पर मिली जानकारी के अनुसार 10वीं और 12वी पढने वाले बच्चों से असाइनमेंट ऑनलाइन के लिए 250-300 रूपये स्कूल के प्रचार्य .K.k.गबेल द्वारा जबरदस्ती लिया जा रहा है वही रूपये नहीं देने वाले बच्चों का असाइनमेंट जमा नहीं किया जा रहा है बच्चों के पिता ललित चंन्दाकर के द्वारा भी बताया गया, कि स्कूल के प्रचार्य k.k. गबेल के द्वारा असाइनमेंट जमा करने लिए रूपये मांगा जाताहैं और मैं पिछले माह में अपने एक बच्चें जो 10वी कक्षा में पढता हैं उस बच्चे का असाइनमेंट आनलाईन के लिए पैसे दिया था तब असाइनमेंट जमा किया था, और इस बार रूपये जमा नही किया हूँ तो असाइनमेंट मेरे बच्चें का जमा नही किया है,।।।। लेकिन वही क्षेत्र के गुरू घासीदास बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शीतलदह के प्रचार्य निलचंन्द बंजारे का कहना है कि असाइनमेंट आनलाईन के लिए रूपये नही लगता है और पहले महिना फिस लेने के लिए कहा गया था अभी तो बंद कर दिया है और प्राइवेट स्कूल के बच्चों से किसी प्रकार का रूपये नही लेने के लिए आदेश जारी किया था शिक्षा विभाग ने, इसी सभी बातों को जब मीडिया कर्मी इसके विषय में शिशु भारतीय उच्चातार माध्यमिक विद्यालय बीजातराई स्कूल के प्रचार्य k.k गबेल एवं अन्या टिचर से पुछ ताछ किये तो प्रचार्य का कहना है कि दुसरे स्कूल में असाइनमेंट आनलाईन के रूपये नही लगा है और महिना फिस भी माफ कर दिया गया है , लेकिन हमारे स्कूल शिशु भारतीय में हमारे द्वारा रूपये लिया जा रहा है क्योंकि स्कूल के चिटरो को भी पैसा देना पडता हैं कहकर मीडिया के सामने पल्ला झाड़ दिया,लेकिन वही के कुछ टिचर का कहना है कि हमारे स्कूल के द्वारा बच्चों को टिवस के पढहाने के लिए रूपये लिया जा रहा हैं जब इस सभी बातों को लेकर मीडिया कमी मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी डी.पी.भारद्वाज के पास गये तो पहले प्रचार्य का बाईट लेकर आवो उसके बाद मैं बाईट दूगां और मुझे सब पता है कि कौन से स्कूल पैसा लेता है और कौन से स्कूल नही लेता है कहकर पल्ला झाड़ दिया ,लेकिन अब देखने वाली बात यह हैं कि खबर के प्रकाशन के बाद इस भृष्ट शिक्षक के ऊपर क्या कुछ कार्यवाही होता हैं और जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की टीम क्या कुछ कार्यवाही करता है यह देखने की विषय होगा।
सी एन आई के लिए मुंगेली से सुखबली खरे की रिपोर्ट
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