मछुरदा वनचौकी में वनकर्मी नदारद,वनमाफ़िया गदगद
सालेटेकरी।बिरसा वनपरिक्षेञ अंतर्गत मछुरदा में बना वनचौकी व वनपाल निवास वनकर्मियों की लापरवाही से धूल खा रहा है।वनविभाग ने लाखों की लागत से वनों की रक्षा हेतु मछुरदा में वनचौकी का निर्माण कराया है व डिप्टी रेंजर के रहने के लिये वन चौकी से सटकर वनपाल निवास भी बनाया गया है।इतनी व्यवस्था होने के बाद भी मछुरदा के डिप्टी रेंजर का इस निवास में रहने का मन नही करता जिससे अवैध वनों की कटाई व रेत माफिया के हौसले बुलंद हैं।अगर ध्यान से देखा जाय तो मछुरदा वनचौकी में जंगल की कटाई अंधाधुंध हो रही है रोड के तरफ को छोड़ दिया जाय तो अन्दर अंदर पूरा का पूरा वन खोखला नजर आएगा।इस सब के जिम्मेदार ऊपर बैठे अधिकारी है जो सबकुछ जानते हुए भी मौन है जिसका कारण है अपने विभाग के कर्मचारियों को बचाना नही तो जिस डिप्टी रेंजर को मछुरदा वनचौकी का प्रभार दिया गया है उसके ऊपर कई बार अपने कार्य के प्रति लापरवाही का आरोप लग चुका है।अभी हाल ही में सागौन की अवैध कटाई में डिप्टी रेंजर बी डी खांडेकर के ऊपर कार्यवाही किया गया था जबकि इस मामले में डिप्टी रेंजर को सस्पेंड करना था लेकिन उच्च अधिकारियों के आशीर्वाद से सिर्फ ट्रांसफर हुआ जिसका नतीजा यह निकला कि आज भी डिप्टी रेंजर बीड़ी खांडेकर अपने निवास दमोह में रहकर डयूटी करते है।कहावत है न अंधो में काना राजा मतलब जब डिप्टी रेंजर अपने कार्य के प्रति लापरवाह है तो इनके अधीनस्थ सेवा देने वाले कर्मचारियों की बात ही छोड़ दे?सूत्रों से खबर लगी है कि मछुरदा वन सर्किल में जमकर वनों की कटाई हो रही है।जब इस बारे में बिरसा वनपरिक्षेञ अधिकारी से बात की गई तो साहब ने बड़ी ही चालाकी से अपने कर्मचारियों का बचाव करते हुए कहा कि वनचौकी मछुरदा में सारे कर्मचारी रहते है जबकि मछुरदा वनचौकी को देखकर कोई भी बता सकता है कि यहां कोई नही रहता है।अब देखना यह है कि ऊपर बैठे अधिकारी मछुरदा डिप्टी रेंजर के ऊपर कार्यवाही करते है कि बचाते है।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.