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Saturday, March 20, 2021

रोग प्रति रोधक क्षमता बढ़ाने करोंना के कारण बढ़ने लगी मांग....



नवागढ़ के ब्लैक राइस का स्वाद भाने लगा सिक्किम के लोगों को

देव यादव सी एन आई न्यूज़ बेमेतरा

बेमेतरा नवागढ़ न्यूज क्या आपने कभी ब्लैक राइस (काले चावल) के बारे में सुना है? यह जानकर जरूर आश्चर्य होगा, लेकिन चावल की कई प्रजातियों में यह भी एक प्रजाति है। इसे दीर्घायु के लिए जाना जाता है। सेहत के लिए लाभकारी इस राइस की डिमांड देश के साथ विदेश में भी बढ़ रही। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि प्रधान बेमेतरा जिले के नवागढ़ निवासी युवा किसान किशोर राजपूत के खेतों में उगाए हुए काले चावल का स्वाद सिक्किम के लोगों को भाने लगा है। किशोर राजपूत तीन साल पहले मात्र एक एकड़ में काले धान की खेती की शुरुआत की गई थी।



छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही परंपरागत धान की खेती की फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीद रहे हैं मगर  इस धान की मांग औऱ मूल्य ज्यादा होने पर आमदनी भी बढ़ने लगी है।


सामान्य धान से दोगुने कीमत पर हाथों हाथ बिक गई। 


पहली बार एक एकड़ ब्लैक राइस की खेती से प्रोत्साहित होकर बीते वर्ष 12 एकड़ में करीब 180 क्यूंटल ब्लैक राइस का उत्पादन किया गया। इसे सिक्किम की एक ट्रेडिंग कंपनी ने खरीद लिया हैं।  अप्रैल में इसकी डीलिवरी हो जाएगी।

 

श्री पध्दति से किए खेती 


किशोर राजपूत ने बताया कि ब्लैक राइस की 12 एकड़ में खेती श्री पद्धति से किया। सिक्किम की एक ट्रेडिंग कंपनी ने पहले 50 किलो ब्लैक राइस 200 रुपये किलो के दर पर खरीदा था जिसके बाद अब 120 रुपये की दर से 15 टन ब्लैक राइस धान का ऑर्डर किया है। दक्षिण भारत, नई दिल्ली, और इंदौर की ट्रेडिंग कंपनियां भी ब्लैक राइस के लिए संपर्क कर रही हैं।


कार्बोहाइड्रेट से मुक्त इस चावल को शुगर पेशेंट भी खा सकते हैं। हृदय के लिए भी फायदेमंद है। यह कोलेस्ट्राल के स्तर को भी नियंत्रित करता है। भरपूर मात्रा में फाइबर होने की वजह से अपच की समस्या को भी दूर करने में सहायक है। एंटी ऑक्सीडेंट तत्व की वजह से आंख के लिए भी फायदेमंद है। इस वजह से इस गुणकारी चावल की डिमांड महानगरों में अच्छी खासी है। स्थानीय बाजार में यह चावल भले ही 120 से 200 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा, लेकिन फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन 399 रुपए प्रति किलो मूल्य है।


इंडोनेशिया समेत कई देशों में भी खपत


किशोर राजपूत ने बताया कि इंडोनेशिया समेत कई देशों में भी इस ब्लैक राइस की डिमांड तेजी से बढ़ रही। कोरोना काल की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की सलाह चिकित्सक दे रहे हैं। ब्लैक राइस स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है, इसलिए न केवल भारत में बल्कि विदेश में भी इस चावल की खपत बढ़ गई है।


इस प्रजाति का पुराना इतिहास


ब्लैक राइस को छत्तीसगढ़ में करियाझिनी के नाम भी जाना जाता है। यह प्रजाति काफी पुराना है। किवदंति है कि खोदाई के दौरान हंडी में धान मिला था। उसके बाद से इसकी फसल लेनी शुरू की गई। सैनिकों को यह चावल खिलाया जाता था, ताकि उनकी सेहत बेहतर रहे और युद्ध में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। सामान्य चावल के मुकाबले ब्लैक राइस को पकने में ज्यादा वक्त लगता है। करीब छह से सात घंटे पानी में भिगाकर रखा जाए, तो जल्दी पक जाता है।


बिस्किट का भी निर्माण


सामान्य धान की तरह ही इसकी खेती की जाती है। 90 से 110 दिन में फसल पक कर तैयार हो जाता है। किसान अच्छे दानों को अलग कर बीज तैयार करते हैं और इसे अधिक मूल्य में बेचते हैं। यह एकमात्र चावल है, जिससे बिस्किट भी तैयार होता है। अलग-अलग चार से पांच प्रजाति के ब्लैक राइस किशोर राजपूत लगा रहे।


ब्लैक राइस के यह छह फायदे


- हृदय को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए इनका इस्तेमाल फायदेमंद है। इसमें मौजूद फायटोकेमिकल कोलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करते हैं और बुरे कोलेस्ट्राल को घटाते हैं। साथ ही यह हृदय की धमनियों में अर्थोस्क्लेरोसिस प्लेक फर्मेशन की संभावना कम करता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना भी कम होती है।


- मोटापा कम करने के लिए लोग चावल खाना लगभग छोड़ देते हैं।, वहां काले चावल बेहद फायदेमंद है, क्योंकि काले चावल मोटापा कम करने के लिए लाभदायक हैं।


- भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होने से कब्ज जैसी समस्याओं को समाप्त करता है। पेट फूलना या पाचन से जुड़ी अन्य समस्याओं में लाभ देता है। रोजाना भी इसका सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता।


- काले चावल में एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मौजूद होता है जो कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में सहायक है। यह प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा करता है।


- इन चावलों का गहरा रंग इनमें मौजूद विशेष एंटीऑक्सीडेंट तत्वों के कारण होता है जो आपकी त्वचा व आंखों के साथ ही दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।


- अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि काले चावल का सेवन शरीर से हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में कारगर साबित हुआ है।



सी एन आई न्यूज़ बेमेतरा छत्तीसगढ़ देव यादव की खबर मो 9098647395

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