उत्तर प्रदेश के लिए भेजा गया ऑक्सीजन टैंकर सोमवार शाम अंबिकापुर के पास रास्ते में खराब हो गया। देर रात तक उसे ठीक करने की कवायद चलती रही। सूचना मिलने पर SDM सहित प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंच गए। इसके करीब 5 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद उसे UP के लिए रवाना किया जा सका। ऑक्सीजन की यह खेप रायपुर के उरला औद्योगिक क्षेत्र से लखनऊ के मेदांता अस्पताल के लिए भेजी गई है।
बताया जा रहा है कि टैंकर दो बार खराब हुआ। पहले उसका ब्रेक डाउन हुआ। इस पर मेकेनिक को बुलाकर उसे ठीक कराया गया। इसके बाद फिर टैंकर जैसे ही आगे बढ़ा उसका प्रेशर पाइप फट गया। इसे ठीक करने में काफी वक्त लग गया। इस कारण रात करीब 10 बजे के बाद ही ऑक्सीजन टैंकर को वहां से रवाना किया जा सका। प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जा रही।
लखनऊ में ऑक्सीजन की भारी किल्लत को देखते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने CM भूपेश बघेल को फोन कर मदद मांगी थी। उसके बाद उरला के पंकज ऑक्सीजन टैंकर रविवार सुबह लखनऊ के लिए रवाना किया गया था। यह टैंकर अगले दिन शाम करीब 5 बजे लखनपुर के पास खराब हो गया। ड्राइवर ने उसे ठीक करने का प्रयास किया। इस बीच करीब 2 घंटे बाद प्रशासनिक अमला पहुंचा।
टैंकर में 16 टन , छत्तीसगढ़ में 388 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
रायपुर में अधिकारियों ने बताया, लखनऊ भेजे गए टैंकर में 16 टन ऑक्सीजन है। छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि उनके पास ऑक्सीजन का पर्याप्त उत्पादन है। राज्य के मरीजों की जरूरत के बाद बची ऑक्सीजन को दूसरे राज्यों को भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के मुताबिक राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन 388.79 मीट्रिक टन है। इसमें 250 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन है। प्रदेश के अस्पतालों को अभी 180 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।
CNI न्यूज़ से साहिल अंसारी की रिपोर्ट!



















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