Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Friday, May 28, 2021

नवाचारी पहल,महामाया धान और औषधीय पौधे बच की एक साथ फसल लगाकर किशोर ने किया खेती में नए प्रयोग



इस नवाचार से बढ़ाई जा सकती हैं किसानों की आमदनी, समृृद्ध हो सकता है किसान……


मिश्रित खेती कर किया धान और बच की बेहतर उत्पादन..



देव यादव सी एन आई न्यूज़ बेमेतरा

बेमेतरानवागढ़/नवागढ़ के युवा किसान किशोर कुमार राजपूत नें आधा एकड़ जमीन पर महामाया धान के साथ औषधीय गुणों से युक्त बच (घोड़ बच) की फसल लगाकर नवाचार किया है। यह अनुसंधान 2018 से  10 डिसमिल जमीन से शुरू किया था जो अब आधा एकड़ जमीन पर बढ़ते बढ़ते आ गया है यह लघु प्रयोग सफल रहा है।किसान यदि चाहे तो इस विधि से अपनी खेतों में डबल फसल लगाकर अतिरिक्त आमदनी बढ़ा सकता है। यह मॉडल पायलट प्रोजेक्ट समृद्धि स्वदेशी बीज बैंक नवागढ़ के कृषि सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत खेती से आमदनी बढ़ाने का रहा है।किशोर ने इसमे महामाया धान और औषधीय गुणों से युक्त बच की मिश्रित खेती करने का योजना बनाया था।

इस फसल की देखभाल सामान्य धान की फसल की तरह ही की जाती हैं। यह विधि लघु एवं सीमांत किसानों के लिये वरदान शाबित हो सकता हैं।


आधा एकड़ जमीन पर किया अनुसंधान


सबसे पहले  श्री पद्धति से धान की रोपाई करने के 5 दिन बाद बच की कंद राइजोम को 30 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपित किया जाता हैं।आधा एकड़ जमीन में 50 हजार कंद का उपयोग करते हैं। धान की फसल 120 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाता है जबकि बच 240 दिन में जब इसकी पत्तियां पीली और सूखने लगें, तो पौधों को जड़ समेत जमीन से निकाल लिया जाता है। किंतु धान कटाई के बाद में जुताई कर कन्द अर्द्ध परिपक्वता अवस्था में ही खेत से निकाल लिया जाता हैं।राइजोम निकालने के बाद छायादार जगह पर में सुखाना चाहिए।


धान और बच की खेती की तैयारी:- 


खेती की तैयारी सामान्य धान की तरह ही करते हैं इसमे गोबर की खाद तीन ट्राली अथवा वर्मीकम्पोस्ट खाद पांच क्यूंटल आधा एकड़ में डालना चाहिए।तथा खेत की 2 से 3 बार गहरी जुताई कर लेना चाहिए। बच की खेती के लिए 10 डिग्री से 38 डिग्री तक तापमान उत्तम रहता है। बुआई के लिए राइजोम पुरानी फसल का इस्तेमाल किया जाता  हैं।

निदाई गुड़ाई:- श्री विधि से धान लगने के कारण कम निदाई की आवश्यकता पड़ता है फिर समय समय पर खरपतवार निकल देना चाहिए। 


धान और बच में लगने वाले रोग


इस विधि से खेती करने से सामान्य रूप से धान में लगने वाले रोगों में बच के एन्टी बैक्टीरियल गुणों के कारण कोई रोग नही लगता है।


धान और बच से होने वाले आमदनी


श्री विधि से धान का उत्पादन आधा एकड़ जमीन पर 

8 क्यूंटल× धान 2500= 20000

5 क्यूंटल जड़ ×50 रुपये =25000=45 हजार रुपये

कुल आमदनी प्राप्त होता  है।


सी एन आई न्यूज़ बेमेतरा छत्तीसगढ़ देव यादव की खबर मो 9098647395

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad