*रमज़ान में आवेज़ अली ने रखें पूरे तीस रोज़े*
*▶️ माँगी,मुल्क़ में कोरोना से निज़ात की दुआ*
*राजनांदगांव ।* इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते पवित्र रमजान महीना मुस्लिम समाज के लोग सादगी से मना रहे है,कोरोना के इस संकट में एक दूसरे को मदद दी जा रही है, रमजान माह में छोटे उम्र के बच्चों में भी रोजा रखने का उत्साह देखा जा रहा है, लॉक डाउन की दिक्कतों के बीच भी छोटे बच्चों ने पूरे हौसले के साथ रोजा रख रहे है, रोजा रखने के साथ साथ बच्चे रमज़ान के हर नियम का पालन भी कर रहे है, नन्हें रोजदारों के सामने इनके माता पिता ने भी हार मान ली है,
abcd
छोटे बच्चे बड़े जोश औऱ हिम्मत के साथ रोजा रख रहे है, वहीं जिला कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सैय्यद अफज़ल अली के दोनों बेटे सैय्यद तमरेज़ अली औऱ सैय्यद आवेज़ अली ने भी रोजा रखा जिसमे छोटे बेटे सैय्यद आवेज़ अली जिनकी उम्र महज़ 9 साल है, आवेज़ अलार्म लगाकर रात 3:30 बजे ख़ुद उठते है, फिर परिवार में सेहरीसुबह की रस्म करने सब को उठाते है, आवेज़ अली ने सिर्फ़ रोजा ही नही रखा सुबह फ़ज़र की नमाज़ से ईनकी ईबादत शुरू होती है, पवित्र कुरान पाक पढ़ कर पूरा दिन ईबादत करते है, शाम को रोजा अफ्तारी करने औऱ मग़रिब की नमाज़ अदा करने के बाद माइक में बुलंद आवाज़ में सलाम पड़ते है औऱ पूरी फैमली पड़ोसियों के साथ सभी धर्म मज़हब औऱ मुल्क़ में कोरोना वायरस के ख़ात्मे की दुआ मांगते है,
abcd
लॉक डाउन के कारण मस्जिदो में जाने की इजाज़त नही है इस लिए सैय्यद फैमली ने घर को मस्ज़िद जैसा खुशनुमा ईबादतगाह बना हुआ है, जबरदस्त भीषण गर्मी और कोविड महामारी के चलते बड़ो बड़ो के हौसले पस्त है, वहाँ आवेज़ अली ने 15 घन्टे के पूरे तीस रोजे रखकर सब घर वालो का हौसला बढ़ाया है, आवेज़ के वालिद ने कहा आप बच्चो को जैसी तरबीयत तालीम दोंगे बच्चे उस दिशा में जायँगे अली ने कहा क़ुरान शरीफ़ में रोज़े का मतलब होता है, तक़वा।यानी बुराइयों से बचना औऱ भलाई को अपनाना सिर्फ भुखे प्यासे रहने का नाम रोजा नहीं है।
abcd
समाज के ओहदेदारों धर्म गुरुओं ने सैय्यद आवेज़ अली की हौसला अफजाई की और दुआओं से नवाजा।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.