सिमगा :- ग्राम बिलईडबरी के पावन धरा में आदिवासी गोंड समाज के तत्वधान में जननायक बिरसा मुंडा का पुण्यतिथि धूमधाम से मनाया गया और शहीद बिरसा मुंडा का श्रद्धा सुमन एवं पुष्पमाला उनके तैलीय चित्र पर चढ़ाकर आयोजित कर उनको याद किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता नोहरी ध्रुव के द्वारा बताया गया जल जंगल व जमीन के संघर्ष को याद किया बिरसा मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1869 में बिरसा मुंडा के जीवन में एक ऐसे दौर महत्वपूर्ण मोड़ आये जब इसाई लोग आदिवासियों को धर्मान्तरण कर इसाई बनाना शुरू किया और उन्होंने इसाई धर्म के प्रभाव में अपने धर्म का अंतर समझा उसी समय सरदार आन्दोलन की वजह से उनके दिमाग में इसाइयो के प्रति विद्रोह की भावना जागृत हो गया थे बिरसा मुंडा भी सरदार आन्दोलन में शामिल हो गये था। और अपने पारम्परिक रीती रिवाजो के लिए लड़ना शुरू हो गये थे। अब बिरसा मुंडा आदिवासियों के जमीन छीनने , लोगो को इसाई बनाने और युवतियों को दलालों द्वारा उठा ले जाने वाले कुकृत्यो को अपनी आँखों से देखा था जिससे उनके मन में अंग्रेजो के अनाचार के प्रति क्रोध की ज्वाला भडक उठी थी और यही से बिरसा मुंडा ने अंग्रेजो के अत्याचार शोषण के खिलाफ क्रांति का शुरुआत किया।
बिरसा मुंडा ने अंग्रेज़ों के खिलाफ तो लड़ाई लडी ही साथ ही सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए संघर्ष किया उनकी पुण्यतिथि अवसर पर सभी समाज के लोगों ने उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित किया। इस दौरान समाजिक कार्यकर्ता में नोहरी लाल ध्रुव केवल रविन्द्र सोमनाथ रोहन रवि ध्रुव शिव ध्रुव सुखऊ ध्रुवआर्यन ध्रुव समीर ध्रुव सुमीत्रा ध्रुव मधु ध्रुव रामकली ध्रुव हेमलाल ध्रुव दिलीप ध्रुव आदिवासी समाज के लोग उपस्थित रहे।
*सेंट्रल न्यूज इण्डिया से हर पल की खबर सिमगा ब्लॉक रिपोटर प्रकाश पाल*
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