सूरजपुर - 30 जुलाई 2021, हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में विश्व स्तनपान दिवस पूरे राज्य सहित जिले में मनाया जाएगा। यह सर्वविदित है कि शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार और शिशु का मौलिक अधिकार है। मां का दूध शिशु के लिए मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु स्तनपान अत्यंत आवश्यक है जिसका शिशु एवं बाल जीवितता पर प्रभाव पड़ता है। जिन शिशुओं को 1 घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराया जाता उनमें नवजात मृत्यु दर की संभावना 33ः अधिक होती है। 6 माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान कराने पर आम रोग जैसे दस्त-निमोनिया के खतरे में क्रमशः 11 से 15 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है। स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु को भी कम करता है। विभिन्न शोधों से यह स्पष्ट हो चुका है कि स्तनपान से न केवल शिशु और माताओं को बल्कि समाज और देश को भी कई प्रकार के लाभ होते हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चंद्रबेश सिंह सिसोदिया ने बताया कि कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री राहुल देव के मार्गदर्शन में विश्व स्तनपान सप्ताह विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी दिनांक 1 से 7 अगस्त 2021 तक मनाया जाना है। इस बार की थीम “स्तनपान की रक्षा एक साझा जिम्मेदारी” रखी गयी है। थीम इस बात पर जोर देती है कि स्तनपान पूरी दुनिया भर में सभी के अस्तित्व,स्वास्थ्य और देखभाल में अपना योगदान दे रहा है इसलिए इस तन मन की सुरक्षा पूरी मानव जाति की जिम्मेदारी है।
सप्ताह भर किये जाएंगे विभिन्न कार्यक्रम
उन्होंने बताया कि इस एक सप्ताह महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों एवं ग्रामो में विभिन्न कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिसमे पोषण की जानकारी सहित महिलाओं व बालिकाओ को शासन की योजनाओं की जानकारी देते हुए लाभान्वित करने अभियान चलाया जाएगा।
नवजात को कुपोषण से बचाने 6 माह तक केवल स्तनपान कराना आवश्यक
विदित हो कि विभाग के द्वारा संयुक्त जिला कार्यालय सूरजपुर एवं जिला पंचायत कार्यालय में स्तनपान को बढ़ावा देने कक्ष का निर्माण कराया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर एस सिंह ने बताया कि स्तनपान संपन्न कराने में माताओं का सहयोग एवं स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण गतिविधि है। जन्म के 6 माह तक केवल स्तनपान 2 साल तक सतत स्तनपान एवं उसके बाद भी स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा एवं पोषक तत्व प्राप्त होती है।
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