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Monday, July 5, 2021

संबलपुर बाजार चौक में बीती रात अज्ञात वाहन की चपेट में 5 पशुवो की मौत तथा 3 घायल हो गया हैं,नियमतः आवारा पशुओं को गोठान में रखकर समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश हैं किन्तु स्थानिय प्रसासन व ग्राम पंचायतें नींद में है

 



देव यादव CNI न्यूज़ बेमेतरा

न्यूज बेमेतरा नवागढ़ संबलपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने फसलों की सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक ‘रोका-छेका’ पद्धति को प्रभावी तरीके से लागू करने का फैसला लिया है।  बता दें कि छत्तीसगढ़  में रोका-छेका की व्यवस्था पहले से प्रचलित है, अब राज्य सरकार ने इसे और अधिक व्यवस्थित और असरदार बनाने का फैसला किया है।




छत्तीसगढ़ शासन में ग्रामीण किसानों के  फ़सलो की सुरक्षा के लिये रोका छेका कार्यक्रम संचालन किया जा रहा हैं ,बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन व ग्राम पंचायत इसकी समुचित व्यवस्था करने में असफल देखी जा रही हैं, औऱ सड़को पर मवेशियों का जमावड़ा बना हुआ है जिससे किसानों के  फसलों की सुरक्षा पर अभी भी सवाल बना हुआ है | आये दिन इन मवेशियों के सड़क पर होने से सड़क दुर्घटनाऐ भी हो रही जिसके चलते संबलपुर बाजार चौक में बीती रात अज्ञात वाहन की चपेट में 5 पशुवो की मौत तथा 3 घायल हो गया हैं,नियमतः आवारा पशुओं को गोठान में रखकर समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश हैं किन्तु स्थानिय प्रसासन व ग्राम पंचायतें नींद में है |



इस व्यवस्था के तहत मानसून के दौरान फसलों के नुकसान को रोकने के लिए खेतों में बुवाई की प्रक्रिया पूरी करने के बाद गांवों में पशुओं की खुली चराई को रोक दिया जाता है। कई गांवों में पशुओं को रखने के लिए बाड़े (गोशाला) की सुविधा नहीं है, ऐसे में फसलों के नुकसान के साथ साथ दुर्घटनाएं भी हो रही है । 


 सरकार ने सभी गावों में प्रभावी तरीके से रोका-छेका को लागू करने का फैसला किया है। इस कदम का उद्देश्य कृषि के क्षेत्र में फसलों के नुकसान को कम करना है ।


राज्य सरकार ने सभी सरपंचों से अपील की है कि वह प्रतिबंध के दौरान सभी जानवरों को गोशालाओं में ही रखें, जिससे पशुओं का उचित पोषण और फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि बीज के अंकुरित होने के साथ फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कृषि उपज बढ़ेगी और किसानों की आय भी बढ़ेगी पर अधिकांश गावों में आलम कुछ और ही है ।

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