अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर -- एंटी करप्शन ब्यूरो के शिकंजे में फंसे छत्तीसगढ़ के सस्पेंड अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और एसीबी के पूर्व चीफ जीपी सिंह के खिलाफ सिटी कोतवाली ने राजद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है। निलंबित आईपीएस जीपी सिंह की जल्द ही गिरफ्तारी होने की बात सामने आ रही है। वहीं निलंबित आईपीएस जीपी सिंह अपने खिलाफ हो रही कार्रवाई को लेकर हाईकोर्ट की शरण ली है। दाखिल याचिका में उन्होंने अपने खिलाफ मामला दर्ज किये जाने को चुनौती देते हुये सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। फिलहाल बेंच ने सुनवाई की तारीख तय नहीं की है।
गौरतलब है कि एसीबी के छापे के दौरान 1994 बैच के अधिकारी (जो पहले एसीबी और ईओडब्ल्यू के एडीजी थे ) उनके सरकारी बंगले और उससे जुड़े लगभग पंद्रह स्थानों पर छापेमारी के दौरान कुछ चिट्ठियां और पेन ड्राइव मिले थे। उनके निवास से डेढ़ दर्जन से अधिक लैपटॉप , आइपैड , मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सहित दस करोड़ रूपये से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है। इसके बाद राज्य सरकार के गृह विभाग ने जीपी सिंह को निलंबित कर दिया था। निलंबित होने से पहले वे राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक के रूप में तैनात थे। वहीं उनकी जांच के बाद अब कोतवाली पुलिस ने जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया है। उन पर सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा है। छत्तीसगढ़ में भारतीय सेवा यानि आईएएस , आईपीएस और आईएफएस के किसी अधिकारी के खिलाफ राजद्रोह का यह पहला मामला है। बताते चलें जीपी सिंह के पेंशन बाड़ा स्थित सरकारी बंगले और सहयोगियों के ठिकानों में छापेमारी के दौरान जो दस्तावेज उसमें ऐसी बातें सामने आई हैं , जो सरकार के खिलाफ साजिश रचने की ओर इशारा कर रही है। सिंह के सरकारी आवास पर छापेमारी के दौरान घर के पिछवाड़े से फटे कागज के कुछ टुकड़े मिले। प्राथमिकी में कहा गया है कि जब कागजों के टुकड़ों को फिर से व्यवस्थित किया गया। इसमें विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों और उम्मीदवारों से संबंधित गुप्त मूल्यांकन के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र के गंभीर मुद्दों पर टिप्पणियां लिखी हुई मिलीं। इसमें कई सरकारी योजनाओं , नीतियों , सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर आलोचनात्मक टिप्पणियां भी थीं।फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है। जीपी सिंह पर रायपुर के सिटी कोतवाली पुलिस स्टेशन में आइपीसी की धारा 124-ए (राजद्रोह) और 153-ए (धर्म , जाति , जन्म स्थान , निवास , भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। छत्तीसगढ़ में इससे पहले भारतीय सेवा के किसी अधिकारी पर राजद्रोह का मामला दर्ज नहीं किया गया है। पिछले एक सप्ताह से सिंह के घर पर एसीबी की कार्यवाही चल रही थी कि वे अचानक पुलिस को चकमा देकर फरार हो गये। वे आखिरी बार बिलासपुर में देखे गये थे , हालांकि उनकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
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