*जिला स्तरीय पटवारी संघ की वर्षों से लंबित मांगों का निराकरण कर आदेश प्रसारित किये जाने के संबंध में डिप्टी कलेक्टर भव्या त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा गया*
*दमोह।* जिला स्तरीय मध्यप्रदेश के पटवारी संवर्ग निरंतर किसानों व शासन के मध्य कड़ी के रूप में कार्य कर शासन की अधिकाँश योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर रहा है। यह कि अल्प संसाधनों के बावजूद मध्यप्रदेश का पटवारी शासन व किसान हित के प्रति दृढ़संकल्पित होकर विभिन्न प्रकार के तकनीकी साफ्टवेयरों, मोबाइल ऐप, बेब पोर्टल टीएसएम् मशीन तकनीकी उपकरणों आदि पर तकनीकी व विभागीय कार्यों का कुशल संपादन कर रहा है साथ ही शासन के 56 विभागों का कार्य कर रहा है जिससे कृषकों में शासन की उज्वल छवि निर्मित होकर उनका आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण होने के साथ ही राजस्व विभाग म.प्र. शासन को भारत सरकार द्वारा निरंतर सम्मान प्राप्त हो रहा है। यह कि चैबीसों घंटे सातों दिवस निरंतर कार्यों के संपादन किये जाने के उपरान्त भी आज तक वर्षों से
पटवारी संवर्ग की प्रमुख मांगों का विवरण निम्नानुसार है 1. पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करते हुए समयमान वेतनमान विसंगति को दूर की जाए निवेदन है कि प्रदेश के पटवारियों को कार्यपालिक एवं तकनीकी पद घोषित किया जाकर उनकी योग्यता स्नातक की जा चुकी है (राजपत्र की प्रति संग्लन है) तथा पटवारियों द्वारा विविध तकनीकी व आनलाइन कार्य निरंतर सम्पादित किये जा रहे है किन्तु अभी भी उन्हें तकनीकी पद का ग्रेड पे 2800 ना दिए जाते हुए 5200-20200 ़ 2100 ग्रेड पे दिया जा रहा है। जो कि उपरोक्तानुसार पटवारी को उसके कर्तव्य सम्पादित कार्य एवं योग्यता के अनुरूप नहीं है तथा पटवारी को प्राप्त होने वाले उपरोक्त वेतन समकक्ष श्रेणियाँ के समस्त कर्मचारी कैडरों के मुकाबले से सबसे कम है। मध्यप्रदेश में पटवारी संवर्ग के वेतनमान का उन्नयन अंतिम बार सन 1998 में किया गया था। इस प्रकार विगत 22 वर्षों से पटवारी के वेतनमान का उन्नयन नही किया गया है। जबकि इसी अवधि में कई अन्य विभागों के कई समकक्ष कर्मचारी कैडरों, जिनका वेतन तत्समय पटवारी से कम था, के वेतनमान का उन्नयन किया जा चुका है। जिससे उक्त कैडर वर्तमान में पटवारी से अधिक वेतन प्राप्त कर रहे हैं। जबकि उपरोक्त समयवधि में पटवारी के कर्तव्यों तथा योग्यता में काफी बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2007 में मध्यप्रदेश पटवारी संघ के प्रान्तीय अधिवेशन में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भी पटवारियों के वेतन उन्नयन की घोषणा की गई थी। विभाग पटवारियों के वेतन उन्नयन के संबंध में द्वारा पत्र क्रमांक यू-84/15/07/04 बी दिनांक 14 अगस्त 2015 द्वारा संक्षेपिका भी मंत्रिपरिषद के निर्णय हेतु भेजी गई थी। यह कि माननीय मुख्मंत्री महोदय म.प्र शासन के निर्देश पर माननीय राजस्व मंत्री महोदय द्वारा भी पटवारियों का वेतनमान 5200-20200 ़ 2800 ग्रेड पे किये जाने हेतु वर्ष 2019 में लिखित आश्वासन पत्र दिया गया है किन्तु अभी तक 5200-20200 ़ 2800 ग्रेड पे वेतनमान स्वीकृत नहीं हुआ है।
2. गृह जिले में पदस्थापनाः- वर्तमान में पटवारियों की नवीन भर्ती प्रदेश स्तर पर की गई है जबकि पटवारी का पद जिलास्तरीय है तथा कई जिलो के विखंडन किये जाने के फलस्वरूप वर्तमान में नवनियुक्त कई पटवारी अपने गृह जिले से लगभग 800-800 कि.मी. दूर तक पदस्थ होकर कार्यरत हैं । स्थिती यहाँ तक है कि दूरी अधिक होने से लगभग 15 पटवारी मर चुके है ।अतः ऑनलाइन प्रक्रिया संपादन कर पति-पत्नी को शासन की मूल भावना निर्देशानुरूप एक जगह पदस्थ करने व प्रदेशभर में बाहर पदस्थ नवनियुक्त पटवारियों को उनके गृह जिलों में पदस्थ किया जाए ताकि वे अपने पारिवारिक दायित्वों का पालन कर सकेंगे और चिंतामुक्त होने से उनकी कार्यक्षमता व कार्यकुशलता में और भी अधिक वृद्धि होगी।
3 नवीन पटवारियों की ब्च्ब्ज् की अनिवार्यता सम्बन्धी नियम समाप्त किया जाए यह कि वर्तमान में नवनियुक्त पटवारियों में से लगभग 75 प्रतिशत पटवारियों द्वारा ब्च्ब्ज् उत्तीर्ण की जा चुकी है। कोरोना संकट होने के कारण प्रदेश स्तर पर विगत 2 वर्ष से उपरोक्त परीक्षा शासनस्तर से ना होने से शेष लगभग 25 प्रतिशत पटवारियों को बैठने का अवसर ही प्राप्त नही हुआ है। जबकि प्रदेश में समस्त नवनियुक्त पटवारियों द्वारा विभागीय कार्य आनलाइन रूप से कुशलता व पूर्ण क्षमता से संपादित किये जा रहा हैं। इसलिये पटवारियों के संदर्भ में उपरोक्त ब्च्ब्ज् परीक्षा की अनिवार्यताः का कोई औचित्य नही है।
ज्ञापन देने वालों में दमोह अध्यक्ष कुंजबिहारी दुबे, सचिव उमाकांत अग्रवाल, विपुल श्रीवास्तव, बृजेश विश्वकर्मा, अभिषेक जैन, देवेन्द्र जाटव, महमूद खान अर्जुन सिंह ठाकुर, तखत सींग ठाकुर, मनीष सिंह आदि की उपस्थिति रही।
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