सुरेंद्र मिश्रा रिपोर्टर
बेलगहना ग्रामीण अर्थव्यवस्था संकट में है। ऐसे समय में छत्तीसगढ़ के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे देश को एक राह दिखाने की कोशिश की है। छत्तीसगढ़ सरकार ने नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी नाम की योजना की शुरूआत की है।
वीओ:- दरअसल मामला बिलासपुर जिले के कोटा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्रामपंचायत करहीकछार के आश्रित ग्राम केकराडीह में भी गौठान का निर्माण कार्य किया जा रहा था ,लेकिन उस अस्थायी गौठान पर कोटा निवासी रंजीत पवार नामक व्यक्ति ने शासन की प्रमुख योजना भुमि पर आधे हिस्से में कब्जा कर लिया और पंचायत द्वारा निर्मित तार घेरा और सीमेंट पोल् को तोड़कर शासकीय कार्य में यह कहकर रोक लगा दी कि यह उसकी निजी भुमि है। मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत द्वारा कराए जा रहे कार्य को रोक दिया।
वहीँ सरपंच सचिव का कहना है कि यदि उसे यदि आपत्ति थी तो वह पंचायत में आवेदन देकर उपरोक्त भुमि का नाप जोक करा सकता था।
उसकी गुंडागर्दी और मनमानी से नाराज सरपंच और सचिव ने अनुभागीय अधिकारी कोटा को लिखित शिकायत देकर उचित मार्गदर्शन और कार्यवाही की गुहार लगाई है। जोशे लाल मिंज सरपंच ,ग्राम पंचायत करही कछार, संजय यादव ,वार्ड पंच।
जानकारी के मुताबिक योजना की मुख्यमंत्री खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के तेज तर्रार एडिशनल चीफ सेक्रेटरी आर.पी. मंडल को इस योजना की कमान सौंपी गई है। वर्तमान में प्रथम चरण में यह योजना राज्य के 15 प्रतिशत (1665) ग्राम पंचायतों में लागू की जा रही है तथा संचालन की जिम्मेदारी ग्राम समितियों को सौंपी गयी है। ऐसे में एक व्यक्ति द्वारा योजना निर्माण कार्य पर रोक लगाना स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करने काफी है।
यदि स्थानीय प्रशासन द्वारा तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्यवाही नहीं कि जाती है तो वह दिन दूर नहीं जब शासन की योजनाओं पर कोई व्यक्ति निजी भुमि बतलाकर अपना कब्जा कर लेगा।देखना होगा कि एसडीएम कोटा पंचायत के आवेदन पर कोई ठोस कार्यवाही कर ऐसे लोगों को कोई संदेश देने का काम करते हैं या मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना पर इसी तरह रोक दिए जाते रहेंगे ।
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