*सर्वजनहित समिति के अध्यक्ष ने सपरिवार व समिति के सदस्यों के साथ वैतालरानी रोड के सौंदर्य का लिया आनन्द*
*पूर्व महापौर ने की अपनी समिति के महत्वपूर्ण व सक्रिय सदस्य दिलीप शुक्ला से मुलाकात*
साल्हेवारा:-पूर्व महापौर व काफी सरल,सहज व हर व्यक्ति की मदद को आतुर राजनांदगांव व लोगो की सेवाभावना से भरपूर स्वभाव वाले जिन्होंने इस भावना को साकार रूप देने व मदद का जज्बा को चरितार्थ करते हुवे सर्वजनहित समिति की स्थापना की ये समिति आज अपने नाम की मोहताज नही है दूर दूर तक इस नाम की चर्चा है
के अध्यक्ष श्री अशोक फड़नविशजी छुईखदान छिंदारी बांध से होते हुवे कुम्हरवाड़ा व बकरकट्टा को जोड़ने वाली सर्पाकार घाटी वाली सड़क की चर्चाएं समाचार पत्रों के माध्यम से व जिन्होंने इसका सौन्दर्यपान किया था से प्रभावित होकर आज का रविवार सपरिवार व कुछ जनहित समिति के सदस्यों के साथ 3 चारपहिया वाहन से वैताल रानी घाटी का लुत्फ उठाया उन्होंने वेतालरानी घाटी के निर्माता ठेकेदार व इंजीनियर की कार्यकुशलता की जमकर तारीफ भी की व दिन भर अपने परिवार के साथ व मित्रो के साथ इस घाटी के अप्रतिम सौंदर्य को जी भर निहारा व काफी मौज मस्ती की।
व बताया कि भिन्न भिन्न क्षेत्रो के लोग पर्यटन करने आये हुवे थे व बहुत सी कारें व दोपहिया वाहनों का लोगो की भीड़ के साथ जमावड़ा था।आज वेतालरानी की पहाड़ियों को सौंदर्य को निहारने के पश्चात अशोक फड़नविशजी का कहना था कि सभी वापिसी में आपके(दिलीप शुक्ला) यंहा भोजन करेंगे की प्लानिंग के साथ निकले थे लेकिन एक परममित्र खण्डेलवाल राजनांदगांव को हमारी इस यात्रा की जानकारी मिली तो उन्होंने हम सभी के भोजन की शानदार व्यवस्था पर्यटन स्थल(वेताल रानी )में ही करवा दी।।
श्री अशोक फड़नविशजी के साथ उनकी पत्नी सुनीता फड़नविश जो कि राजनांदगांव में सक्रिय वार्ड पार्षद व विभिन पदों पर आसीन है व जिनके वार्ड में विकास की गंगा बहने की गाथा गायी जाती है व वार्ड की हर छोटी बड़ी समस्या का ध्यान रखने का गुण उनकी विशेषता है आज लोगो की समस्या व सेवा के अतिरिक्त इन्होंने अपने व परिवार के लिए भी समय निकाला व वापिसी में सर्वजनहित समिति के बुनियादी व सक्रिय महत्वपूर्ण सदस्य दिलीप शुक्ला से उनके घर पहुचकर एक अप्रत्याशित तोहफा दिया व वेतालरानी के सौंदर्य व रोड, व जंगल मे बन रही सड़को व विभिन्न विषयों पर चर्चाकर राजनांदगांव आने को कहकर दूसरी साल्हेवारा नर्मदा घाटी का आनन्द लेते हुवे गन्तव्य की ओर रवाना हुवे।।
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