अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
न्यूयॉर्क (अमेरिका) -- भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा विषय पर 09 अगस्त को आयोजित वर्चुअल परिचर्चा की अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दो दशक के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री परिषद की परिचर्चा की अध्यक्षता करेगा। इस दौरान भारत तीन हाई लेवल मीटिंग करने जा रहा है, जिसमें समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद का मुकाबला करने जैसे गंभीर मामलों पर चर्चा की जायेगी।
गौरतलब है कि भारत ने एक अगस्त को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को बारी-बारी से मिलने वाली सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता सम्हाल ली है , भारत के पास यह पद अगस्त तक के लिये रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षाः समुद्री सुरक्षा विषय पर आयोजित वर्चुअल परिचर्चा की अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह पहला अवसर है, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री परिषद की परिचर्चा की अध्यक्षता करेंगे। परिषद की अध्यक्षता के दौरान भारत समुद्री सुरक्षा के अतिरिक्त शांति रक्षा और आतंकवाद से निपटने पर ध्यान केन्द्रित करेगा। इससे पहले भारत जून 1950, सितम्बर 1967, दिसम्बर 1972, अक्तूबर 1977, फरवरी 1985, अक्तूबर 1991, दिसम्बर 1992, अगस्त 2011 और नवम्बर 2012 में परिषद का अध्यक्ष रह चुका है। सुरक्षा परिषद का हर सदस्य देश एक महीने के लिये परिषद की अध्यक्षता संभालता है। हालांकि आधिकारिक कार्यवाही दो अगस्त से शुरू हुई। इसके तहत अब तीन अहम मुद्दों पर तीन अलग-अलग दिनों होने वाली बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। पहली बैठक 09 अगस्त को होगी जिसमें पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र परिषद में समुद्री सुरक्षा को लेकर होने वाली उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर दो दशक बाद अध्यक्षता करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बन जायेंगे। पीएम मोदी इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वर्चुअली करेंगे जबकि विदेश मंत्री एस० जयशंकर 18 और 19 अगस्त को शांति स्थापना और आतंकवाद पर प्रहार से संबंधित होने वाली बैठकों की अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले जनवरी में भारत ने सुरक्षा परिषद के एक अस्थायी सदस्य के रूप में दो साल का कार्यकाल शुरू किया था। वर्ष 2021-22 की अवधि के लिये भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में पहली बार अध्यक्षता होगी। इसके अलावा भारत अपने दो साल के कार्यकाल के अंतिम महीने के लिये परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यभार सम्हालेगा। भारत ने आतंकवाद , समुद्री सुरक्षा और शांति स्थापना को प्राथमिकता दी है। बताते चलें कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं है। सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश शामिल हैं जिसमें 10 अस्थाई सदस्य होते हैं। अमेरिका , रूस , फ्रांस , ब्रिटेन और चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं। वहीं अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत के पास दो साल का कार्यकाल है , जो जनवरी 2021 से शुरू है। भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की मांग लंबे अरसे से होती आ रही है।
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