लोकेशन-सुकमा
संवाददाता-संजय सिंह भदौरिया
*पन्द्रह वर्षों में अब तक बच्चों को स्कूल की छत नसीब नहीं हुई*
*छात्र एवं ग्रामीण अब तक जिला शिक्षा अधिकारी का चेहरा नहीं देखें*
*चितलनार के पटेलपारा में खुली शिक्षा व्यवस्था की पोल*
*बेसोड पारा के जर्जर भवन में पढ़ाई करने को मजबूर छात्र*
*जानकारी के बावजूद अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में*
आज हम आपको सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के एक स्कूल की शिक्षा व्यवस्था की एक ऐसी दास्तान बताते हैं जहाँ पर पूर्ववर्ती सरकार ने स्कूल तो प्रारम्भ कर दिया था परन्तु आज तक यहाँ के बच्चों को अपने स्कूल की छत ही नशीब नहीं हो पाई आज भी वो अपने घर से डेढ़ से दो किमी दूर एक जर्जर भवन में अध्ययन करने को मजबूर हैं
*2006 में प्रारम्भ हुई पटेलपारा में स्कूल-आज तक भवन बिहीन*
सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्राम पँचायत चितलनार के पटेलपारा के बच्चे बहुत ही विषम परिस्थितियों में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है तत्कालीन सरकार ने 2006 में पटेलपारा के बच्चों की जिस समस्या को देखकर यहाँ पर स्कूल प्रारम्भ किया था आज पुनः इस गाँव के बच्चे उसी समस्या से जूझ रहे हैं पिछले तीन वर्षों से पटेलपारा के बच्चे अपने गाँव से डेढ़ से दो किमी दूर बेसोड पारा के जर्जर भवन में शिक्षा ग्रहण करने आ रहे है,बरसात के दिनों में इन छोटे छोटे मासूम बच्चों को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पडता है
*बेसोड पारा का स्कूल भवन भी है बेहद जर्जर*
वर्तमान में पटेल पारा के 23 बच्चे एवं बेसोड पारा के 20 बच्चे जर्जर स्कूल भवन में अध्ययन कर रहे हैं बारिश के दिनों में भवन में पानी का सीपेज इतना ज्यादा होता है कि बच्चों के बैठने को जगह नहीं होती है और मजबूरन शिक्षकों को छूट्टी घोषित करने पड़ती है मिली जानकारी के अनुसार इस विषय मे प्रत्येक वर्ष जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों को जानकारी दी जाती है परंतु न ही बेसोड पारा के जर्जर भवन की मरम्मत हो सकी व न ही पटेलपारा में नवीन भवन की स्वीकृति मिल पाई
*झोपड़ी से लेकर जर्जर भवन तक रहा पटेलपारा के बच्चों के अध्य्यन का सफर*
ज्ञात हो कि झोपड़ी से लेकर जर्जर भवन तक रहा पटेलपारा के बच्चों के अध्यापन ग्रहण करने का सफर रहा 2006 से 2010 तक गाँव के ही एक झोपड़ी में लग रही थी शाला ,इसके पश्चात 2010 से 2018 तक आंगनबाड़ी के उधारी भवन में लगने के पश्चात अधिकारियों से भवन की सौगात देने की अपेक्षा गाँव से लगभग 2 किमी दूर बेसोड पारा के जर्जर भवन में पटेलपारा स्कूल का समायोजन कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पा ली ।
*कभी नहीं आये जिलाशिक्षा अधिकारी-ग्रामीण*
जब हमने गाँव वालों से जिला शिक्षाअधिकारी के गाँव मे जांच पर आने के सम्बंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि आज तक जिला शिक्षा अधिकारी इस गाँव मे ही नहीं आये है हम उन्हें नहीं पहचानते ।
*जिलाशिक्षा अधिकारी कार्यालय में नहीं मिले मोबाइल भी डाइवर्ट*
इस विषय मे हम जब जिलाशिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद से मिलने उनके कार्यालय गए तो वे नहीं मिले उनके मोबाइल पर सम्पर्क करने पर उनका मोबाइल डाइवर्ट बता रहा था,
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