वनांचल के नामचीन मंदिरों में भक्तो की लगी लंबी कतार नवरात्रि के महापर्व पर कंशेला पहाड़ी बंजारी मंदिर का खूबसूरत नजारा ।
सी एन आई न्यूज साल्हेवारा से चन्द्रभूषण यदु की रिपोर्ट ।
साल्हेवारा -- कुआंर नवरात्रि पर्व पर वनांचल के प्रमुख मंदिर कंशेला पहाड़ी,बंजारी मंदिर पर मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना की गई थी ।
जहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ माता के दरबार में अष्ठमीं एवं नवमी पर रहीं । कंशेला पहाड़ी सन 2008 से विष्णु पटेल , नवांगांव ,ब्रम्हा पटेल नवागांव , चन्द्रभूषण यदु रामपुर ,परसादी नवांगांव ,गनेश नवांगांव,कंवल सिंह नवांगांव ,चोवाराम पटेल शेरसिंह मेरावी , नवांगांव ईश्वर मानिकपुरी खादी ,बलराम साहू खादी ,रेवा राम यादव खादी के द्वारा शुरूआत ज्योति कलश की स्थापना की गई थी ।
यह कंशेला पर्वत पर रास्ता नहीं था लाईट पानी की कमी थी भारी परेशानियों का सामना करते हुये वैकल्पिक झोपड़ी नूमा ज्योति कक्ष बनाकर किया गया था ।जिसका नेतृत्व चन्द्रभूषण यदु अध्यक्ष जय काली कंशेला वाली के नाम पर समिति बनाकर चैत नवरात्रि पर्व पर पत्थर की ज्योती कक्ष निर्माण कराया गया था ।
जिसमें लगातार ज्योति कलश की संख्या में इजाफा होता गया ।बिजली की समस्या होने के कारण पहले नवरात्रि पर्व पर जनरेटर की माध्यम से रोशनी जलाई गई जिसे आसपास के ग्रामों में कंशेला का प्रचार तेजी से हुआ ।
दुसरे नवरात्रि पर्व पर एक किलोमीटर की दूरी नवांगाव से लाईट का ब्यवस्था किया गया गया समिति के पास धन राशि नहीं होने से ठाकुर टोला एवं भाजीडोंगरी से वायर की ब्यवस्था किया गया ।
पानी की ब्यवस्था के लिये आमगांव खादी नवांगांव सहसपुर राजाबर के श्रद्धालुओं से पांच लीटर के डिब्बा पर लाने के लिये निवेदन किया जाता था ।
2010 में पांच द्विवसिय नवधा रामायण का आयोजन समिति के द्वारा किया गया जिसमें तौहिद खान नवांगांव को सरपंच बनाने का प्रस्ताव रखा गया और तौहिद खान सरपंच पद पर चुनाव लड़ा विजय हुआ ।
चूनाव जीतने के बाद कंशेला मंदिर पर ज्योति कलश स्थापना के लिये सामुदायिक भवन का निर्माण कराया गया ।
तीन साल बाद भाजपा के तत्कालीन विधायक कोमल जंघेल के द्वारा बगैर समिति के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारयों के अनुपस्थिति में साल्हेवारा रेस्ट हाउस में भाजपा के कार्यकर्ता नवांगांव निवासी जयता पटेल को कंशेला का मनोनित अध्यक्ष घोषित किया गया है ।
जब से भाजपा के राजनितिकरण होने से पूर्व के समिति के लोग झगड़ा लड़ाई नही किये जो आज तक जयता राम पटेल के अध्यक्ष में दोनों पर्वो पर ज्योति कलश की स्थापना की जा रही है ।
पूर्व समिति तीन साल के पर्व में इकहत्तर ज्योति कलश की स्थापना तक पहुंचे थे जो दस साऋ बाद चौरासी कलश तक पहुंची है ।पुर्व समिति अगर संचालित करती तो आज करीब पांच सौ कलश स्थापना होती जो राजनिति ग्रहण लगने से कंशेला आज भी जहां की तहां विकास अवरुद्ध हो गया है ।
कंशेला पर्वत पर माता रानी दुर्गा की प्रतिमा विराजमान है नवरात्रि पर्व पर भक्त मनोकामना की ज्योति कलश स्थापना कर सुख समृद्धि की याचना करते है माता रानी सबो पर कृपा बरसाती रहती है ।
जहां आसपास के ग्रामों से देवी दर्शन कर जीवन को कृतार्थ करते है दिलीप शुक्ला जी अपने पूरे परिवार के साथ माता रानी की आशीर्वाद लेने पहुंचे है ।
माता बंजारी मंदिर में भी चालीस साल से ज्योति कलश कि स्थापना की जाती है जहां पर इस वर्ष 284 कलश प्रज्जवलित किया गया है ।जिसके पुजारी है नरेंन्द्र मिश्रा जी जो बंजारी माता के बारह मासी सेवा करतें है । साल्हेवारा नर्मदा रोड होने के कारण बारह महिने भक्तो की रेला लगी रहती है ।मां बंजारी मंदिर से पहाड़ी रोड की मोड शूरूवात व अंत होती है ।
जिससे रोड पर चलने ट्रांसपोर्ट यात्री बस सेवा संचालन करने वाले माता बंजारी को अपने आस्था का प्रतिक मानते है ।माता बंजारी अपने अनन्य भक्तों की रक्षा करती है जहां नवरात्रि पर्व पर हजारों भक्त माथा टेककर मां की आशीर्वाद लेने पहुंचते है ।
वहीं पर गोलरडीह के आदीवासियों का बुढा देव का मंदिर है जो एक दशक से ज्योती कलश की स्थापना की जा रही है जो बुढादेव के भक्तों की वजह से बंजारी में चार चांद लग जाते है मां बंजारी की गोद में बारामसी नाला बहती रहती है जहां भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा नही माता वही नाला में ज्योति कलश जंवारा को विसर्जित किया जाता है ।वनांचल क्षेत्र साल्हेवारा में ऐसी कई मान्यता प्राप्त मंदिर झरने है ।कुंआ धास कोपरों की पाताल तोड़ कुंआ झरना जो बारह माह अविरल झरती रहती है समिति के लोग मनोकामना की ज्योति स्थापना करते है ।ठाड़ पानी सरई पतेरा विटरफाल है जो पर्यटकों को लुभाती रहती है जहां पर बारह महिने लोग प्रकृति का आंनद लेने दूर दूर से पर्यटक आते रहते है ।
वनांचल साल्हेवारा क्षेत्र में यह नवरात्री पक्ष सुख समृद्धि प्रेम सौहार्द्र का प्रतीक रहा है ।भक्तगण अपने इष्ट देवी कुल देवियों का दर्शन कर जीवन को कृतार्थ किये ।
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