"मुख्यमंत्री के नाम फेडरेशन ने सौंपा ज्ञापन"
सुकमा- केंद्र के समान 31% महंगाई भत्ता तथा सातवां वेतनमान में गृह भाड़ा भत्ता की मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला सुकमा के द्वारा प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूर्व निर्धारित आंदोलन 12 जनवरी को "मौलिक अधिकार रैली " नहीं निकाल कर फेडरेशन के प्रमुख पदाधिकारी मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम 2 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर सुकमा को सौंपा!
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी विगत 2 वर्षों से महंगाई भत्ते के लिए संघर्षरत हैं देश के अधिकांश राज्य अपने अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान 31% महंगाई भत्ता दे चुकी है किंतु छत्तीसगढ़ में अभी भी कर्मचारी अधिकारी केवल 17% महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं इसी के साथ प्रदेश में वर्ष 2016 से सातवां वेतनमान लागू किया गया है किंतु अभी भी समस्त कर्मचारियों अधिकारियों को गृह भाड़ा भत्ता छठवें वेतनमान में ही दिया जा रहा है जिससे कर्मचारियों को महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा भत्ता के रूप में अत्यधिक आर्थिक क्षति हो रही है! अतः अपने दोनों मौलिक अधिकार को लेने के लिए आज 12 जनवरी को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर सुकमा को सौंपा गया !इसी के साथ दिनांक 28 एवं 29 जनवरी को सुकमा जिले के समस्त कर्मचारी अधिकारी मौलिक अधिकार के हनन के विरोध में काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे !आज ज्ञापन सौंपने के दौरान छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक शैलेंद्र सिंह भदौरिया,भरत यादव महासचिव ,विनायक साहु कोषाध्यक्ष, अशोक कुमार मिस्त्री जिलाध्यक्ष छत्तीसगढ़ अंशदायी पेंशन कर्मचारी कल्याण संघ,पवन सोढ़ी जिलाध्यक्ष ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, चेतन सिंह ठाकुर जिलाध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, बी.एन.कुदराम जिला सचिव शिक्षक संघ,महेश सोरी कोषाध्यक्ष शिक्षक संघ आदि पदाधिकारी उपस्थित थे
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